राजस्थान में नई रेलवे लाइन की सौगात, 2100 करोड़ की लागत से बिछेगा ट्रैक, यहाँ बनेंगे 19 नए स्टेशन
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राजस्थानवासियों के लिए एक दमदार (exciting) खबर आई है। बरसों से लटकी डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना को आखिरकार हरी झंडी मिल गई है। इस नए रेलवे रूट (new railway route) की कुल लंबाई 191 किमी होगी, जिसमें से 143 किमी राजस्थान और 48 किमी मध्यप्रदेश से होकर गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट के जरिए राजस्थान के आदिवासी अंचल को देश के अन्य बड़े शहरों से जोड़ा जाएगा।
सांसद राजकुमार रोत ने हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर इस रेल प्रोजेक्ट को जल्द पूरा कराने की मांग की थी। इस दौरान उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) का डूंगरपुर में स्टॉपेज और उदयपुर-दिल्ली मेवाड़ एक्सप्रेस (Mewar Express) को डूंगरपुर तक बढ़ाने की भी सिफारिश की।
19 नए रेलवे स्टेशन भी होंगे तैयार
इस प्रोजेक्ट के तहत 19 नए रेलवे स्टेशन (new railway stations) बनाए जाएंगे। राजस्थान में 14 स्टेशन और मध्यप्रदेश में 5 स्टेशन होंगे। राजस्थान में बनने वाले प्रमुख स्टेशन इस प्रकार हैं:
डूंगरपुर
सागवाड़ा
बांसवाड़ा
गढीपरतापुर
भीलूड़ा
जोथपुरा
वहीं, मध्यप्रदेश में रतलाम, सेवारा अलका खेरा, चांदीरा बेरदा, शिवगढ़ और पालसोरीत स्टेशन प्रस्तावित हैं।
सात सुरंगें और 43 घुमाव भी बनेंगे
इस रेलवे लाइन को और भी शानदार बनाने के लिए 7 सुरंगें (tunnels) भी बनाई जाएंगी, जिनकी कुल लंबाई 7.40 किमी होगी। साथ ही इस रूट में 43 घुमाव (curves) भी होंगे, जिससे सफर और भी रोमांचक (thrilling) होगा।
4000 करोड़ से ज्यादा हो गई प्रोजेक्ट की लागत
2010-11 के रेल बजट (rail budget) में इस रेलवे प्रोजेक्ट की घोषणा की गई थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण (land acquisition) में देरी के कारण यह अटका रहा। शुरुआत में 2100 करोड़ की लागत आंकी गई थी, लेकिन हर साल 10-12% महंगाई (inflation) के चलते अब यह बढ़कर 4000 करोड़ से अधिक हो चुकी है।
रेलवे की स्पीड बढ़ेगी
रेल मंत्री ने भरोसा दिया है कि अब यह प्रोजेक्ट रफ्तार पकड़ेगा और जल्द ही ट्रैक बिछाने का काम (track laying work) शुरू होगा। इस रेलवे लाइन से राजस्थान और मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी (better connectivity) मिलेगी, जिससे लोगों का सफर आसान और कम खर्चीला (affordable) हो जाएगा।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से व्यापार को भी फायदा मिलेगा, क्योंकि मालवाहक गाड़ियों (goods trains) की आवाजाही भी आसान हो जाएगी। इसके अलावा, आम जनता को नए रेलवे स्टेशन और बेहतर ट्रांसपोर्ट सुविधाओं का लाभ मिलेगा।
क्या होंगे इस रेलवे प्रोजेक्ट के फायदे?
राजस्थान और मध्यप्रदेश के आदिवासी इलाकों को बड़े शहरों से जोड़ा जाएगा।
नई रेलवे कनेक्टिविटी (rail connectivity) से पर्यटन (tourism) को भी फायदा मिलेगा।
ट्रेन की सुविधा से लोगों का सफर सस्ता और तेज़ होगा।
मालवाहक गाड़ियों के संचालन से कारोबार (business) बढ़ेगा।
जल्द पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन
अब राजस्थानवासियों के लिए रेलवे इंतजार का टाइम खत्म (waiting time over) होने वाला है। अगर सबकुछ प्लान के हिसाब से चला तो आने वाले कुछ सालों में डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रूट पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। रेलवे मंत्री के आश्वासन के बाद अब इलाके के लोग बेसब्री से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।