6-lane expressway: 6 लेन का ये एक्सप्रेस-वे बदल देगा दो राज्यों की सूरत, 8 घंटे में तय होगा 20 घंटे का सफर, जुड़ेंगे 3 शक्तिपीठ
![Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway](https://timesharyana.com/static/c1e/client/99846/uploaded/c286f9cd05a77c44d6a03051983f925f.jpg?width=968&height=726&resizemode=4)
Times Haryana, नई दिल्ली: Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway (नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे), जिसे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, बनने का सफर अब साफ हो गया है। महाराष्ट्र सरकार ने इस एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट को मंजूरी दे दी है, जिससे इस परियोजना का निर्माण शुरू हो सकता है। इस 760 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे कहा जा रहा है क्योंकि यह तीन शक्तिपीठों महालक्ष्मी, तुलजाभवानी, और पत्रदेवी से होकर गुजरेगा।
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे की महत्वपूर्ण बातें
लंबाई और कवरेज: यह महाराष्ट्र का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा, जो 11 जिलों को महसूस कराएगा, साथ ही गोवा को भी संबोधित करेगा।
शक्तिपीठ से गुजरेगा: एक्सप्रेसवे तीन शक्तिपीठों - महालक्ष्मी, तुलजाभवानी, और पत्रदेवी का दर्शन कराएगा, जो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा।
यात्रा का समय समीक्षा: नागपुर से गोवा की दूरी 1,110 से 760 किलोमीटर में कम हो जाएगी, और यात्रा का समय मात्र 8 घंटे तक हो जाएगा।
आर्थिक विकास और रोजगार: इस परियोजना से न केवल यात्रा को सुगम बनाया जा रहा है, बल्कि इससे आर्थिक विकास और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे का नामकरण और निर्माण
महाराष्ट्र सरकार द्वारा संचालन और रखरखाव का कार्य महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) को सौंपा गया है। इस परियोजना की लागत की आगे बढ़ाई जा रही है, और निर्माण पूरा होने पर यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनेगा।
महत्वपूर्ण तिथियाँ:
लॉन्चिंग: एक्सप्रेसवे का लॉन्च सितंबर 2022 में किया गया था।
मंजूरी: मार्च 2023 में महाराष्ट्र सरकार ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी थी।
निर्माण की लागत: इस परियोजना के निर्माण पर ₹ 83,600 करोड़ की लागत आएगी।
धार्मिक पर्यटन का बढ़ावा
शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के माध्यम से धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा। इस एक्सप्रेसवे से तीन शक्तिपीठों महालक्ष्मी, तुलजाभवानी, और पत्रादेवी जुड़ जाएंगे, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
इसके अलावा, रेणुका माता, सेवाग्राम आश्रम, औंधा नागनाथ, नांदेड़ गुरुद्वारा, सिद्धेश्वर, परली-वैजनाथ और पंढरपुर जैसे स्थानों का भी सीधा और सुरक्षित पहुंच होगा।
भविष्य की योजनाएं
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे का निर्माण 2028-29 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना से यात्रा का समय न केवल कम होगा, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।