नई सरकार बनते ही दिल्ली वालों को बड़ा झटका, मार्च से इन गाड़ियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण (pollution control in Delhi) को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। अब 31 मार्च से कुछ विशेष श्रेणी की गाड़ियों को पेट्रोल या डीजल नहीं मिलेगा। यह नियम दिल्ली के सभी पेट्रोल पंपों (petrol pumps in Delhi) पर लागू किया जाएगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य वायु गुणवत्ता (air quality) को सुधारना और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या को कम करना है।
कौन-सी गाड़ियां होंगी प्रभावित?
सरकार के नए निर्देशों के अनुसार, 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों (old vehicles ban) को ईंधन भरवाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह निर्णय वायु प्रदूषण (air pollution) की गंभीर स्थिति को देखते हुए लिया गया है। दिल्ली में पहले से ही इन वाहनों के चलने पर रोक थी, लेकिन अब ईंधन आपूर्ति पर प्रतिबंध (fuel supply ban) लगाकर इसे और कड़ाई से लागू किया जाएगा।
पर्यावरण मंत्री (Environment Minister) ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं (vehicle emissions) दिल्ली की हवा को और जहरीला बना रहा है। इसलिए, पेट्रोल पंपों पर स्मार्ट गैजेट (smart gadget for vehicle detection) लगाए जाएंगे, जो इन वाहनों की पहचान करेंगे और उन्हें ईंधन नहीं मिलेगा।
कैसे होगी पहचान?
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों (advanced technologies) का सहारा लिया है। पेट्रोल पंपों पर स्मार्ट डिवाइसेज (smart devices) लगाए जा रहे हैं, जो 15 साल से अधिक पुराने वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन (number plate scanning) कर सकते हैं। यदि वाहन इस श्रेणी में आता है, तो ईंधन भरने की अनुमति नहीं होगी।
इसके अलावा, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय (Petroleum Ministry) को इस नए नियम की जानकारी दे दी गई है, ताकि इसे पूरे शहर में प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
पर्यावरण सुरक्षा के लिए अन्य कदम
सरकार ने सिर्फ पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि वायु प्रदूषण (air pollution in Delhi) को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य नियम भी बनाए हैं। अब राजधानी में सभी ऊंची इमारतों, होटल्स और व्यावसायिक परिसरों में एंटी-स्मॉग गन (anti-smog guns) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है।
यदि कोई भी इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई (strict action) की जाएगी। इससे दिल्ली की हवा को साफ करने में मदद मिलेगी और लोगों को स्वस्थ वातावरण मिल सकेगा।
सीएनजी बसें होंगी बंद
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 2025 तक लगभग 90% सार्वजनिक सीएनजी बसों (CNG buses in Delhi) को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। इनकी जगह इलेक्ट्रिक बसों (electric buses) को लाया जाएगा, जिससे दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन को और अधिक पर्यावरण अनुकूल (eco-friendly transport) बनाया जा सके।
दिल्ली सरकार (Delhi government) के अनुसार, इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग न केवल प्रदूषण कम करेगा, बल्कि शहर की परिवहन व्यवस्था को भी आधुनिक बनाएगा। यह कदम स्वच्छ और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन (sustainable public transport) की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
लोगों पर क्या होगा असर?
इस नए नियम का सीधा असर उन वाहन मालिकों पर पड़ेगा, जिनके पास 15 साल से अधिक पुराने वाहन (old vehicles in Delhi) हैं। अब उन्हें या तो अपने वाहन को स्क्रैप (vehicle scrappage policy) कराना होगा या फिर नए नियमों के तहत वाहन बदलना होगा। सरकार ने पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के लिए विशेष केंद्र (scrap centers) भी स्थापित किए हैं।
इसके अलावा, दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण (pollution control) को ध्यान में रखते हुए नए वाहनों के पंजीकरण (new vehicle registration) को भी अधिक सख्त किया जा सकता है।