नव वर्ष से पहले राज्य सरकार ने कर्मचारियों को दी बड़ी सौगात, साढ़े चार लाख कर्मियों को मिलेग लाभ
Times Haryana, नई दिल्ली: गौरतलब है कि कर्मचारी पिछले कुछ समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे थे, लेकिन राज्य सरकार कर्मचारियों की इस मांग को पूरा करने में लगातार देरी कर रही थी। आखिरकार कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई और नए साल से पहले कर्मचारियों को नियमित करने के प्रस्ताव पर अब मुहर लग गई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिक्षक काफी समय से मांग कर रहे हैं कि उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। इसलिए लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले शिक्षा विभाग में शिक्षकों को नियमित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। हालाँकि, शिक्षक तभी राज्य कर्मचारी कहलाएँगे, जब वे विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण करेंगे।
राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभाग के एसीएस केके पाठक को इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द दो महीने के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नियमितीकरण के प्रस्ताव को बिहार सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस फैसले से राज्य के शिक्षकों में खुशी की लहर है.
राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांगों को स्वीकार करना उनके लिए नये साल पर किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है. राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य के 4.5 लाख कर्मचारियों को फायदा होने वाला है.
ऐसे में राज्य के 4.5 लाख शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी. विभाग की ओर से रिजल्ट जारी किया जाएगा और परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को वशिष्ठ शिक्षक का दर्जा दिया जाएगा.
25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी के बावजूद बिहार सरकार ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार किया और 26 दिसंबर को कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया गया.