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DA Hike 2025: 8वें वेतन आयोग से जुड़ी नई अपडेट, कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जानना जरूरी

 
DA Hike 2025

DA Hike 2025, नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (pensioners) के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। केंद्र सरकार ने आखिरकार इस साल की शुरुआत में बहुप्रतीक्षित आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) को मंजूरी दे दी है, जिसकी सिफारिशें लागू होने के बाद करीब 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी (central employees) और 65 लाख पेंशनभोगी सीधे तौर पर लाभांवित होंगे। हालांकि, अभी तक आयोग के सदस्यों के नामों और शर्तों की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, जिसकी वजह से लाखों कर्मचारियों में उत्सुकता बनी हुई है।

कब से मिलेगा नया वेतन?

सरकार की योजना के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू की जाएंगी। यानी अगर सब कुछ तय समय पर हुआ, तो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 2026 की शुरुआत से बढ़ी हुई सैलरी और पेंशन मिलनी शुरू हो सकती है। पिछली बार भी ऐसा ही हुआ था जब 7वें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं।

फिटमेंट फैक्टर से तय होगी सैलरी में बढ़ोतरी

अब बात करते हैं सबसे अहम मुद्दे की, यानी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor)। दरअसल, नई वेतन संरचना (New Salary Structure) में वेतन वृद्धि का सबसे बड़ा आधार यही होता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 तय किया गया था, जिसकी वजह से न्यूनतम बेसिक वेतन में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस बार यानी 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.5 से लेकर 2.86 के बीच हो सकता है। वहीं, कर्मचारी संगठनों की मांग इससे भी ज्यादा है। वे चाहते हैं कि फिटमेंट फैक्टर 3.68 तक बढ़ाया जाए, जिससे न्यूनतम बेसिक सैलरी में जोरदार उछाल आ सके।

DA के विलय से क्या होगा फायदा?

महंगाई भत्ता (Dearness Allowance, DA) केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी का एक अहम हिस्सा है। हर 6 महीने में DA में संशोधन होता है। अब चूंकि DA 50 फीसदी के आंकड़े को पार कर गया है, तो इसकी सबसे ज्यादा संभावना है कि इसे मूल वेतन में मिला दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि DA के विलय से नई सैलरी स्ट्रक्चर में बेसिक पे रीसेट होगी और कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। यही नहीं, पेंशनभोगियों (pensioners) को भी इस बढ़ोतरी का सीधा लाभ मिलेगा।

भत्तों में भी बदलाव की उम्मीद

केवल बेसिक पे ही नहीं, बल्कि हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance, HRA), ट्रांसपोर्ट अलाउंस और अन्य कई भत्तों में भी बदलाव किए जा सकते हैं। पिछली बार भी वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद HRA में 24%, 16% और 8% की दर से इजाफा किया गया था, जो अलग-अलग शहरों की कैटेगरी पर निर्भर करता है। इस बार भी कुछ इसी तरह के बदलाव की उम्मीद है, ताकि कर्मचारियों की कुल सैलरी में अच्छा इजाफा हो सके।

राज्य सरकारों के लिए अनिवार्य नहीं

यह भी ध्यान देने वाली बात है कि वेतन आयोग की सिफारिशें सीधे तौर पर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए होती हैं। राज्य सरकारें चाहें तो इन्हें लागू कर सकती हैं, लेकिन यह उनके लिए बाध्यकारी नहीं है। फिर भी ज्यादातर राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों को खुश रखने के लिए केंद्रीय वेतन आयोग की तर्ज पर संशोधन कर देती हैं।

कितना वक्त लगेगा रिपोर्ट में?

अब सवाल आता है कि पैनल (panel) कब तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा? पिछले अनुभवों के आधार पर देखें तो किसी भी वेतन आयोग को औपचारिक रूप से गठित होने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करने और सरकार को सौंपने में करीब 18 से 20 महीने का वक्त लगता है। यानी अगर सब कुछ योजना के हिसाब से हुआ, तो 2025 के अंत तक रिपोर्ट सरकार को सौंप दी जाएगी, ताकि 2026 से इसे लागू किया जा सके।