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Expressway: अब 6 घंटे में पूरा होगा 600 KM का सफर, यूपी के 518 गांवों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे

 
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Expressway: अब 6 घंटे में पूरा होगा 600 KM का सफर, यूपी के 518 गांवों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. इस विशाल परियोजना के ज्यादातर हिस्सों पर काम पूरा कर लिया गया है. इसके तैयार होने से कई शहरों, जिलों और गांवों का सफर न सिर्फ आसान होगा, बल्कि पूरे प्रदेश की कनेक्टिविटी में जबरदस्त इजाफा भी होगा.

एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी सड़क यात्रा और घटेगा रेलवे पर दबाव
गंगा एक्सप्रेसवे बनने से रेलवे पर दबाव कम होगा और यात्री सड़क मार्ग से यात्रा करने को प्राथमिकता देंगे. इससे एक शहर से दूसरे शहर के बीच उद्योग, व्यापार और पर्यटन के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा. माल ढुलाई के लिए ट्रक और कंटेनर वाहनों का आवागमन भी तेजी से और सुरक्षित तरीके से हो सकेगा.

यूपी का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है आधुनिकता की पहचान
गंगा एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है. इसके किनारे खुले ढाबों और स्टॉल्स के जरिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इस परियोजना के पूरा होते ही क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है.

इन जिलों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ जैसे 12 जिलों से होकर गुजरेगा. कुल मिलाकर 518 गांव इस नए मार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

गंगा एक्सप्रेसवे पर अपडेट
कानपुर-लखनऊ रूट पर सोनिक स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर पुल बनाने के बाद अब स्टील गर्डर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.

गंगा एक्सप्रेसवे की लागत और निर्माण क्षेत्र
गंगा एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसका आरंभ मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से होगा और समापन प्रयागराज के जुदापुर दादू गांव के पास एनएच-19 पर होगा. निर्माण के लिए लगभग 7467 हेक्टेयर जमीन का उपयोग किया गया है.

इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती
इस एक्सप्रेसवे पर 28 फ्लाईओवर, 381 अंडरपास और 126 छोटे पुल तैयार किए गए हैं. यह मजबूत संरचना यात्रा को और अधिक सुगम तथा सुरक्षित बनाएगी.

इमरजेंसी के लिए हवाई पट्टी
गंगा एक्सप्रेसवे पर इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा भी दी गई है. शाहजहांपुर में साढ़े 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है, जिस पर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर उतारे जा सकेंगे.

6 लेन से 8 लेन तक होगा विस्तार
फिलहाल, गंगा एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तारित करने की योजना है, जिससे ट्रैफिक को बेहतर तरीके से संभाला जा सकेगा.

यात्रियों के लिए जन सुविधा परिसर
यात्रियों की सुविधा के लिए गंगा एक्सप्रेसवे पर 9 अलग-अलग लोकेशन पर जन सुविधा परिसर (Public Utility Complexes) विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा, मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा तथा 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा बनाए जाने की योजना है.

दिल्ली-यूपी सफर होगा और भी आसान
यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश के भीतर की दूरी कम करेगा, बल्कि दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा को भी आसान और तेज बनाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेसवे का संचालन जुलाई 2025 से शुरू होने की संभावना है.

Expressway: अब 6 घंटे में पूरा होगा 600 KM का सफर, यूपी के 518 गांवों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) का निर्माण कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. इस विशाल परियोजना के ज्यादातर हिस्सों पर काम पूरा कर लिया गया है. इसके तैयार होने से कई शहरों, जिलों और गांवों का सफर न सिर्फ आसान होगा, बल्कि पूरे प्रदेश की कनेक्टिविटी में जबरदस्त इजाफा भी होगा.

एक्सप्रेसवे से बढ़ेगी सड़क यात्रा और घटेगा रेलवे पर दबाव
गंगा एक्सप्रेसवे बनने से रेलवे पर दबाव कम होगा और यात्री सड़क मार्ग से यात्रा करने को प्राथमिकता देंगे. इससे एक शहर से दूसरे शहर के बीच उद्योग, व्यापार और पर्यटन के अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा. माल ढुलाई के लिए ट्रक और कंटेनर वाहनों का आवागमन भी तेजी से और सुरक्षित तरीके से हो सकेगा.

यूपी का सबसे बड़ा गंगा एक्सप्रेसवे बन रहा है आधुनिकता की पहचान
गंगा एक्सप्रेसवे, उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है. इसके किनारे खुले ढाबों और स्टॉल्स के जरिए भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. इस परियोजना के पूरा होते ही क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलने की उम्मीद है.

इन जिलों से होकर गुजरेगा गंगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ जैसे 12 जिलों से होकर गुजरेगा. कुल मिलाकर 518 गांव इस नए मार्ग से सीधे जुड़ जाएंगे, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

गंगा एक्सप्रेसवे पर अपडेट
कानपुर-लखनऊ रूट पर सोनिक स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर पुल बनाने के बाद अब स्टील गर्डर लगाने का काम तेजी से चल रहा है. गंगा एक्सप्रेसवे पर वाहन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगे, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा.

गंगा एक्सप्रेसवे की लागत और निर्माण क्षेत्र
गंगा एक्सप्रेसवे की अनुमानित लागत 36,230 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसका आरंभ मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से होगा और समापन प्रयागराज के जुदापुर दादू गांव के पास एनएच-19 पर होगा. निर्माण के लिए लगभग 7467 हेक्टेयर जमीन का उपयोग किया गया है.

इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती
इस एक्सप्रेसवे पर 28 फ्लाईओवर, 381 अंडरपास और 126 छोटे पुल तैयार किए गए हैं. यह मजबूत संरचना यात्रा को और अधिक सुगम तथा सुरक्षित बनाएगी.

इमरजेंसी के लिए हवाई पट्टी
गंगा एक्सप्रेसवे पर इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा भी दी गई है. शाहजहांपुर में साढ़े 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है, जिस पर फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर उतारे जा सकेंगे.

6 लेन से 8 लेन तक होगा विस्तार
फिलहाल, गंगा एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जा रहा है, लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन तक विस्तारित करने की योजना है, जिससे ट्रैफिक को बेहतर तरीके से संभाला जा सकेगा.

यात्रियों के लिए जन सुविधा परिसर
यात्रियों की सुविधा के लिए गंगा एक्सप्रेसवे पर 9 अलग-अलग लोकेशन पर जन सुविधा परिसर (Public Utility Complexes) विकसित किए जाएंगे. इसके अलावा, मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा तथा 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाजा बनाए जाने की योजना है.

दिल्ली-यूपी सफर होगा और भी आसान
यह एक्सप्रेसवे न केवल उत्तर प्रदेश के भीतर की दूरी कम करेगा, बल्कि दिल्ली से प्रयागराज की यात्रा को भी आसान और तेज बनाएगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेसवे का संचालन जुलाई 2025 से शुरू होने की संभावना है.