अब से दिल्ली में नहीं बना सकेंगे इतने मंजीला मकान, जारी हुआ नया आदेश
Times Haryana, नई दिल्ली: चाहे अनाधिकृत हो या नियमित, अब दिल्ली के किसी भी आवासीय क्षेत्र में प्रत्येक मंजिल पर कई कमरे बनाना संभव नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि दिल्ली रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (दिल्ली आरईआरए) ने प्रत्येक मंजिल पर आवासीय इकाइयों की संख्या सीमित कर दी है।
50 वर्ग मीटर तक के भूखंड पर केवल 3 आवासीय इकाइयां ही बनाई जा सकती हैं। दूसरे शब्दों में, अब एक मंजिल पर कई कमरे बनाना संभव नहीं होगा। मास्टर प्लान 2021 के अनुसार, एक आवासीय इकाई एक कमरा, रसोई और एक शौचालय है।
प्लॉट पर कमरों की सीमा तय
दिल्ली रेरा द्वारा जारी अधिसूचना में 50 वर्ग मीटर से लेकर 3750 या उससे बड़े आकार के भूखंडों पर आवासीय इकाइयों के निर्माण को सीमित कर दिया गया है। अधिसूचना में सुप्रीम कोर्ट के मार्च, 2008 के एक आदेश का भी हवाला दिया गया है
और इसी आदेश के मुताबिक अलग-अलग आकार के भूखंडों पर आवासीय इकाइयों के निर्माण को सीमित करने की बात कही गई है. दिल्ली रेरा ने इस संबंध में दिल्ली कैंट बोर्ड, एमसीडी और डीडीए को भी लिखा है
और अधिसूचना के अनुसार ही बिल्डिंग प्लान जारी करें। रेरा ने सभी उप-पंजीयकों को पत्र लिखकर 15 सितंबर के बाद अधिसूचना के अनुसार आवासीय इकाइयों की जांच करने के बाद ही संपत्ति का पंजीकरण करने को कहा है।
यदि भूखंड के आकार से अधिक आवासीय इकाइयां हैं तो ऐसी संपत्ति का पंजीकरण नहीं कराया जाना चाहिए।
आवासीय इकाई क्या है?
एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक, मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक, एक आवासीय इकाई का मतलब एक कमरा, एक रसोई और एक शौचालय है। जबकि अभी निजी बिल्डरों ने अनधिकृत कॉलोनियों, अनधिकृत-नियमित कॉलोनियों में 50 या 100 वर्ग मीटर के भूखंडों की प्रत्येक मंजिल पर कई कमरे बनाए हैं।
जितनी अधिक आवासीय इकाइयाँ होंगी, उतनी अधिक संख्या में लोग होंगे और इससे नागरिक बुनियादी ढांचे पर उतना अधिक भार पड़ेगा। वैसे तो RERA ने अलग-अलग आकार के भूखंडों पर आवासीय इकाइयों की संख्या तय कर दी है.
नोटिफिकेशन के मुताबिक अब कोई भी 50 वर्ग मीटर में 4 मंजिला मकान नहीं बना सकेगा. अब इस साइज के प्लॉट पर केवल 3 मंजिलें बनाई जाएंगी और हर मंजिल पर एक ही कमरा होगा।