सरकारी कर्मचारियों के आए अच्छे दिन! पीएफ जमा पर अब मिलेगा ज्यादा ब्याज!
Times Haryana, नई दिल्ली: ईपीएफओ निवेशकों के लिए खुशखबरी है, क्योंकि सूत्रों के अनुसार ईपीएफओ ने निवेशकों को और ज्यादा ब्याज प्रदान करने का फैसला किया है। पीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर 2023-24 में 8.25 प्रतिशत होगी, जो पिछले साल की 8.15 प्रतिशत की तुलना में बढ़ी है। यह तीन सालों के अंदर सबसे अधिक ब्याज दर होगी।
पिछले साल का इतिहास
मार्च 2023 में वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफओ ने पीएफ ब्याज दर को 8.15 प्रतिशत कर दिया था, जो पिछले साल की 8.10 प्रतिशत की तुलना में एक छोटी बढ़ोतरी है।
हालांकि, इस दर ने 1977-78 के बाद सबसे कम स्तर को छुआ था, लेकिन अब एक बार फिर इसमें इजाफा होने जा रहा है, जिससे 6 करोड़ से अधिक कर्मचारियों को फायदा होगा।
वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार
शनिवार को ईपीएफओ की 235वीं बोर्ड मीटिंग में श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव की अध्यक्षता में ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला हुआ। इस फैसले की मंजूरी के बाद, वित्त मंत्रालय के अप्रूवल का इंतजार है।
एक बार ब्याज दरों का ऐलान होते ही, यह VPF डिपॉजिट्स पर भी लागू होगा और छूट प्राप्त ट्रस्ट भी अपने कर्मचारियों को 8.25 प्रतिशत ब्याज देने के लिए बाध्य रहेंगे।
ब्याज दरों का इतिहास
इस विकसीत दौर में, 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में कर्मचारियों को 8.65 प्रतिशत ब्याज मिला था। 2015-16 के लिए ईपीएफओ ने ब्याज दर को 8.8 प्रतिशत रखा था, जिससे इस समय की ब्याज दर की अपेक्षा बहुत कम है।
यह फैसला निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत हो सकता है, क्योंकि यह ब्याज दरों में इजाफा के साथ आता है और उन्हें अधिक लाभ प्रदान करता है। इससे न केवल नौकरीधारकों को बल्कि उनके परिवार को भी सुधार हो सकता है।
इस निर्णय के बाद, वित्त मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं और जब यह मंजूर होगा, तब ही इस निर्णय का पूरा लाभ निवेशकों और कर्मचारियों को मिलेगा।
ब्याज दरों में इजाफे के साथ, इससे आम लोगों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार हो सकता है। यह निर्णय ईपीएफओ के निवेशकों के लिए एक सकारात्मक कदम है, जो उन्हें और अधिक विश्वसनीयता और लाभ प्रदान कर सकता है।
इससे साथ ही, यह भी दिखाता है कि सरकार और ईपीएफओ ने निवेशकों के हित में सकारात्मक कदम उठाया है, जिससे विश्वास बढ़ सकता है। इस तरह के निर्णय समृद्धि और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को सुधार सकते हैं।
इससे पहले की समाप्ति में, निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपडेटेड सूचनाएं प्राप्त करते रहें और वित्त मंत्रालय के आदेशों का पालन करें। यह निवेशकों के लिए उनके निवेश की सुरक्षा और उनके भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण पहलु है।