Haryana: BPL कार्ड रखने वालों के लिए अलर्ट, हरियाणा सरकार ने जारी की नई लिस्ट

Haryana BPL Card: हरियाणा सरकार ने गरीबों को मिलने वाली राशन सुविधा पर बड़ा कदम उठाया है, जिससे राज्यभर में हड़कंप मच गया है। जुलाई महीने में राज्य सरकार ने 1,17,361 राशन कार्ड रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें 2,727 अंत्योदय अन्न योजना (AAY) और 1,14,634 बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी के राशन कार्ड शामिल हैं। सरकार का दावा है कि इन कार्ड धारकों ने अपने परिवार पहचान पत्र (PPP) में जानबूझकर आय कम दिखाई और सरकारी योजनाओं का गलत तरीके से लाभ उठाया।
लेकिन इस फैसले से जहां एक तरफ फर्जी लाभार्थियों पर शिकंजा कस रहा है, वहीं दूसरी ओर वास्तव में गरीब और पात्र परिवारों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। शिकायतें लगातार विभागीय कार्यालयों में पहुंच रही हैं कि जिन लोगों की हालत दयनीय है, दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं, उनके नाम पर कार, कोठी और शहरी पते दर्ज हो गए हैं। इससे वे खुद-ब-खुद अपात्र की श्रेणी में आ गए हैं।
क्रीड सिस्टम से हुआ खुलासा
राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही क्रीड (CREED) नामक डेटा एनालिसिस प्रणाली ने इन गड़बड़ियों को उजागर किया है। यह सिस्टम पीपीपी डाटा का विश्लेषण करके यह पता लगाता है कि कौन-सा व्यक्ति किन योजनाओं का लाभ ले रहा है और उसकी आर्थिक स्थिति क्या है। इसी डेटा के आधार पर सरकार ने यह फैसला लिया कि जिन लोगों की वास्तविक आय सरकारी मानकों से अधिक है उनके राशन कार्ड निष्क्रिय कर दिए जाएं।
पीपीपी डाटा बना मुसीबत
परिवार पहचान पत्र यानी PPP डाटा को राज्य सरकार ने सामाजिक कल्याण योजनाओं की नींव माना है। लेकिन इसी डाटा में हुई तकनीकी गड़बड़ी अब गरीबों पर भारी पड़ रही है। विभागों को रोजाना सैकड़ों शिकायतें मिल रही हैं कि “मेरे पास कार नहीं है, फिर भी डाटा में दर्ज है”, “मकान किराये का है, पर कोठी बताया जा रहा है”, “नाम पर कोई संपत्ति नहीं, फिर भी आय लाखों में दिख रही है” – ऐसी बातें आम हो गई हैं।
अफसरों की भी खुल रही पोल
जांच में यह भी सामने आया है कि कई लोगों ने जानबूझकर गलत जानकारी देकर पीपीपी में अपने दस्तावेज जमा कराए। कुछ ने अपनी आय छिपाई, तो कुछ ने पते बदलकर शहरी क्षेत्र में रहने का लाभ लिया। कई ऐसे लोग हैं जिनके पास दुकान, चार पहिया वाहन और प्रॉपर्टी होने के बावजूद वे गरीब की सूची में आ गए। सरकार का कहना है कि ऐसे अपात्र लोगों को योजनाओं से बाहर करना जरूरी है, ताकि वास्तव में जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ मिल सके।
गरीबों के कट रहे राशन कार्ड से उठे सवाल
हालांकि, वास्तविक गरीबों के राशन कार्ड भी रद्द होने से लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। कई गांवों और शहरों में स्थानीय प्रशासन के सामने धरने-प्रदर्शन भी हो चुके हैं। कुछ लोगों ने तो यहाँ तक कहा कि "हमने कभी कार देखी नहीं, और डाटा में हमारे नाम पर कार दर्ज है।" ऐसे मामलों की संख्या सैकड़ों में है।
सरकार ने दिए पुनः सत्यापन के आदेश
जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, सरकार ने पीपीपी डाटा में गड़बड़ी की जांच और पुनः सत्यापन का आदेश दे दिया है। जिन लोगों को लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है, वे अपने स्थानीय CSC केंद्र या SDM कार्यालय में जाकर पुनः जांच करवा सकते हैं। सरकार का दावा है कि अगर किसी पात्र व्यक्ति का राशन कार्ड गलती से रद्द हुआ है, तो उसे फिर से बहाल किया जाएगा।
जुलाई में रद्द होंगे कार्ड
राज्य सरकार ने साफ किया है कि सभी 1.17 लाख राशन कार्ड जुलाई महीने में रद्द कर दिए जाएंगे। लेकिन इससे पहले सभी संबंधित लाभार्थियों को एक नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करने का मौका मिलेगा। अगर कोई व्यक्ति सही दस्तावेजों के साथ यह साबित करता है कि वह योजनाओं का पात्र है, तो उसका राशन कार्ड रिस्टोर किया जाएगा।