Haryana News : फतेहाबाद में CSC संचालक प्रदीप हत्याकांड का खुलासा, जानिए क्या था पूरा मामला

Haryana News : हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव ठूइयां में हुई CSC संचालक प्रदीप की सनसनीखेज हत्या का पुलिस ने सिर्फ 24 घंटे में पर्दाफाश कर दिया है। इस ब्लाइंड मर्डर केस में पुलिस ने एक नाबालिग समेत कुल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से चार के खिलाफ पहले से ही आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज हैं। आरोपी हरियाणा के फतेहाबाद हिसार कैथल और गांव पीलीमंदोरी व भट्टू से ताल्लुक रखते हैं।
यह मामला पूरे इलाके में खौफ और गुस्से का माहौल खड़ा कर चुका था क्योंकि कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) चलाने वाले बाकी संचालकों को भी सुरक्षा को लेकर चिंता सताने लगी थी। लेकिन पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने कुछ राहत जरूर दी है।
कैसे रची गई हत्या की साजिश?
पुलिस अधीक्षक (SP) आस्था मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मृतक प्रदीप गांव ठूइयां में State Bank of India (SBI) के कॉमन सर्विस सेंटर का संचालन करता था। उसे लोग एक ईमानदार और मेहनती युवक के तौर पर जानते थे। लेकिन कुछ अपराधियों की नजर उसकी कमाई पर थी। उन्हें जानकारी थी कि प्रदीप के पास तीन से चार लाख रुपये आम तौर पर सेंटर पर रहते हैं।
इसी लालच और हवस में उन्होंने डकैती की योजना बनाई। आरोपियों ने काफी समय तक प्रदीप की रेकी की। प्लान के मुताबिक घटना वाले दिन चार आरोपी सेंटर में घुसे और गल्ले की चाबी मांगने लगे। लेकिन प्रदीप ने सतर्कता और समझदारी से काम लिया और चाबी देने से मना कर दिया।
इसी बीच बात बिगड़ गई और आरोपियों ने फायरिंग कर दी। प्रदीप को दो गोलियां लगीं – एक घुटने में और एक सीधा छाती में। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
फतेहाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच और थाना सदर पुलिस की संयुक्त टीम ने इस केस को हल करने के लिए तेजी से कार्रवाई शुरू की। CCTV फुटेज मोबाइल लोकेशन और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने संदिग्धों की पहचान की और एक-एक कर उन्हें पकड़ना शुरू किया।
पुलिस ने बताया कि चार आरोपी पेशेवर अपराधी हैं जिन पर पहले से ही हत्या लूट और चोरी जैसे केस दर्ज हैं। सबसे चौंकाने वाली बात ये रही कि इस गैंग में एक नाबालिग लड़का भी शामिल था जिसे डकैती जैसे अपराध में इस्तेमाल किया गया।
सोशल मीडिया पर बने थे कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों में से कुछ की जान-पहचान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे (Facebook) और (Instagram) के जरिए हुई थी। वहीं से उन्होंने गैंग तैयार किया और एक-दूसरे के टच में रहते हुए पूरी योजना बनाई।
इतना ही नहीं वारदात के बाद भी कुछ आरोपियों ने (Instagram Stories) और (Facebook Posts) पर एक-दो कोडवर्ड्स में बातें भी की थीं जिससे पुलिस को उनकी लोकेशन ट्रेस करने में मदद मिली।