Haryana Politics News: पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला की पार्टी को लेकर बढ़ी मुश्किलें, ये पांच विधायक कर सकते हैं बड़ा 'खेला'
Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी सरकार में साझीदार रही जननायक जनता पार्टी (JJP) में फूट की संभावना है. जेजेपी (JJP) के चीफ व्हिप का उल्लंघन कर विधानसभा पहुंचे पांचों विधायक पार्टी में उलटफेर की कोशिश कर सकते हैं, तो वहीं जेजेपी को चुनावी रण में टूटने से बचाने की कोशिश में जुटे वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chatala) पूरी ताकत लगाए हुए हैं.
विधानसभा में जननायक जनता पार्टी के 10 विधायक हैं. पांचों विधायक देवेन्द्र बबली, रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह, रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगी राह सिहाग 12 मार्च को विधानसभा पहुंचे थे उस दिन मुख्यमंत्री नायब सैनी (CM Nayab saini) को विधानसभा में विश्वास मत जीतना था. एक दिन पहले बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद जेजेपी के मुख्य सचेतक अमरजीत ढांडा ने तीन लाइन का व्हिप जारी किया था जिसमें कहा गया था कि जेजेपी के सभी विधायक विश्वास मत के दौरान अनुपस्थित रहेंगे.
अगर 10 सदस्यीय पार्टी में सात विधायक अलग हो जाते हैं और पार्टी टूटने की घोषणा कर देते हैं तो जेजेपी टूट की शिकार होगी. बताया जा रहा है कि विधानसभा पहुंचे पांचों विधायक जेजेपी के दो अन्य विधायकों को अपनी बारी में लाने की कोशिश कर रहे हैं. इन विधायकों के साथ उनकी कई बैठकें हो चुकी हैं.
लेकिन बीजेपी इनमें से पांच विधायकों के साथ-साथ करनाल की खाली विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है. इसलिए उन्हें अपने पद पर बने रहने को कहा गया है. बीजेपी को डर है कि अगर छह उपचुनाव हुए और कांग्रेस को कुछ सीटें मिल गईं तो विधानसभा चुनाव में इसका गलत संदेश जाएगा. जेजेपी के पांचों बागी विधायकों को तटस्थ रहने का संकेत दिया गया है. तब तक दुष्यंत चौटाला भीउन्हे मनाने में लगे हुए हैं.
पार्टी को बचाने की रणनीति के साथ आगे बढ़ते हुए, जेजेपी विधायक दल के नेता दुष्यंत चौटाला ने उन पांच विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी नहीं करने का फैसला किया है, जिन्हें दो दिन पहले जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने विधानसभा पहुंचने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इस तरह के व्हिप पर सवाल उठाया था, लेकिन पांचों विधायक विधानसभा में गए थे, लेकिन विश्वास मत पर बहस और उसके सर्वसम्मति से पारित होने के दौरान सदन में मौजूद नहीं थे। उसी दिन जेजेपी की हिसार में नव संकल्प रैली थी, जिसमें ये पांचों विधायक तो शामिल नहीं हुए, लेकिन पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना सिंह चौटाला, अनूप धानक, अमरजीत ढांडा और रामकरण काला ने रैली में हिस्सा लिया था.
दूसरी ओर, दुष्यंत चौटाला भी बगावती सुर अपना चुके पांचों विधायकों में सेंध लगाकर उनमें से ज्यादातर को अपने साथ रखने की कोशिश कर रहे हैं ताकि पार्टी में फूट न पड़े. जेजेपी के पांच बागी विधायक भी अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल होने की कोशिश कर रहे हैं.