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फसल अवशेष जलाने वाले किसानों की बढ़ी मुश्किलें, प्रशासन लेने जा रही है बड़ा एक्शन

 
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Times Haryana, नई दिल्ली: टुकड़ों की कटाई के बाद अब कुछ जगहों पर फ़ार्मल स्टाम्प रेजोल्यूशन के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में कृषि विभाग ने गांव, खंड व जिला स्तर पर रथयात्रा का गठन किया है, जो किसानों को फाने (गेहूं के फसली संयोजन) से रोका जाएगा।

इसके अलावा हरसेक द्वारा सेटेलाइट के माध्यम से मोसे की ओर इशारा करते हुए फोटो किसान के पास भेजा जाएगा। फ़सल फ़्राम में आग लगाने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी।

फ़ार्मल फ़्रैंचाइज़ को जमीन के मित्र कीट के साथ पंजीकृत किया गया है, जबकि उनका जीवित रहना आवश्यक है। मित्र मित्र के घर जाने से भूमि की विशिष्ट शक्ति कम होने से फसल के निर्माण पर भी प्रभाव पड़ता है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार, धारा-144 का प्रयोग करते हुए सभी आचलों में तत्काल प्रभाव से फ़ासल स्ट्रेंथ के अनुसार रोक के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश 25 जून तक लागू नहीं हुआ। कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को फसल फार्म के बारे में सलाह न दें।

किसान कृषि यंत्रों की सहायता से फसली आदिवासियों का प्रबंधन कर सकते हैं, ताकि होने वाले नुकसान से बचा जा सके। इसके साथ ही भूमि की उर्वरा शक्ति को शिखर पर पहुंचाया जा सकता है।