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India's Longest Bridge: समुद्र की लहरों को चीर कर बना देश का सबसे बड़ा पुल, 17 एफिल टॉवर के बराबर लगा लोहा, जाने अद्भुत पुल की खास बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक  परियोजना का ढांचा तैयार है। परियोजना के तहत समुद्र की लहरों को चीर कर देश का सबसे बड़ा पुल बनाया गया है। यह प्रोजेक्ट 600 इंजीनियरों की मेधा का कमाल है।
 
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Mumbai Trans Harbor Link Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो गया है। इस परियोजना ने समुद्र की लहरों को काटकर देश का सबसे बड़ा पुल बनाया है। यह प्रोजेक्ट 600 इंजीनियरों की प्रतिभा का चमत्कार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च में मुंबई में शिवडी और न्हावासेवा के बीच 22 किलोमीटर लंबे पुल का शिलान्यास किया था छह लेन के इस पुल पर 17,843 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

परियोजना के लिए नोडल एजेंसी, मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (MMRDA) के अधिकारी इसे इंजीनियरिंग का चमत्कार कहते हैं। एमएमआरडीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एमटीएचएल परियोजना में रोजाना 7,500 कर्मचारी और लगभग 600 इंजीनियर काम कर रहे हैं। पांच देशों के इंजीनियरों ने भी योगदान दिया है।

17 एफिल टावर के बराबर लोहा

पुल को बनाने में 1.70 लाख मीट्रिक टन स्टील बार का इस्तेमाल किया गया है, जिससे 17 एफिल टावर बनाए जा सकते हैं। पृथ्वी के व्यास से चार गुना अधिक 48,000 किलोमीटर पूर्व तनावग्रस्त तार है और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (9.75 लाख घन मीटर) के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली कंक्रीट की मात्रा का छह गुना है।

चंद घंटों में तय होगी लंबी दूरी दिसंबर से वाहनों की रफ्तार तेज हो सकेगी

एमएमआरडीए आयुक्त एसवीआर श्रीनिवास का कहना है कि एमटीएचएल को भविष्य को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इससे न केवल मुंबई और नवी मुंबई को फायदा होगा, बल्कि यह मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे, मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग से भी जुड़ जाएगा। दिसंबर से पुल पर वाहनों की रफ्तार तेज हो सकेगी।