Melon Farming: 280 एकड़ जमीन पर खरबूजे की खेती करता है ये किसान, थाईलैंड-ताइवान किस्म के खरबूजे से तगड़ी है कमाई

Melon Farming: इस बार दीपक खर्चों में बढ़ोतरी (Rising Costs in Melon Farming) को लेकर चिंतित हैं. खेत लीज, उर्वरक और कीटनाशकों के बढ़ते दामों ने फसल तैयार करने की लागत बढ़ा दी है. वहीं बाजार में खरबूजे की मांग कम होने और कीमतों में गिरावट से उनका मुनाफा प्रभावित हो रहा है. उन्हें डर है कि इस बार लागत निकालना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुवायां क्षेत्र, जिसे ‘मिनी पंजाब’ कहा जाता है, के रहने वाले दीपक कुमार ने बिना अपनी जमीन के 280 एकड़ में खरबूजे की खेती कर एक अनोखी मिसाल कायम की है. गंगसरा कस्बे के दीपक हर दिन 2500 से 3000 क्विंटल तक खरबूजे का उत्पादन करते हैं और उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के बाजारों में बेच रहे हैं.
जमीन नहीं, फिर भी 280 एकड़ में कर रहे खेती
एम.कॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद दीपक ने खेती करने का सपना देखा, लेकिन उनके पास अपनी जमीन नहीं थी. हार न मानते हुए उन्होंने किसानों से खेत लीज पर लेकर खरबूजे की खेती (Melon Farming on Lease Land) शुरू की. शुरुआत 10 एकड़ से हुई थी और आज वह 280 एकड़ भूमि पर खेती कर प्रदेश के प्रमुख खरबूजा उत्पादकों में गिने जाते हैं.
विदेशी बीज से मिलती है बेहतरीन फसल
दीपक लगभग आधा दर्जन किस्मों के खरबूजे उगाते हैं, जिनके लिए वे थाईलैंड और ताइवान (Thailand and Taiwan Melon Seeds) से उच्च गुणवत्ता वाले बीज मंगवाते हैं. बीजों की कीमत 30 हजार से लेकर 95 हजार रुपये प्रति किलो तक होती है. इन बीजों से उगे खरबूजे स्वाद में बेहद खास होते हैं और बाजार में इनकी अच्छी मांग रहती है.
खेत लीज पर लेकर करते हैं फसल उत्पादन
दीपक किसानों से आलू की फसल कटाई के बाद के खेतों को 50 हजार रुपये प्रति एकड़ (Farm Land Lease for Melon Farming) की दर से लीज पर लेते हैं. किसान उन्हें खेत तैयार करके देते हैं और दीपक वहां खरबूजा और तरबूज की फसल उगाते हैं. यह लीज आमतौर पर चार महीने के लिए होती है.
तीन राज्यों में पहुंचता है खरबूजा
दीपक के खेतों से रोजाना हजारों क्विंटल खरबूजा हार्वेस्ट होता है, जिसे उत्तर प्रदेश की 40-50 मंडियों, उत्तराखंड की 20 मंडियों और बिहार के कई जिलों में सप्लाई किया जाता है. व्यापारी सीधे फोन से ऑर्डर (Direct Supply to Markets) देकर उनसे खरबूजा मंगवाते हैं, जिससे बाजार में उनकी अच्छी पकड़ बनी हुई है.