केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार ने दी एक और सौगात, एक अप्रैल से लागू होगी New Pension Scheme
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New Pension Scheme: देश के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आई है! मोदी सरकार (Modi Government) ने एक ऐसी योजना लागू करने जा रही है, जिससे रिटायरमेंट के बाद भी कर्मचारियों को तगड़ा फायदा मिलेगा। सरकारी नौकरियों (Government Jobs) की तरफ आकर्षण बढ़ाने के लिए सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme - UPS) को हरी झंडी दे दी है।
कौन-सी स्कीम सही?
अब सरकारी कर्मचारी एक नई दुविधा में हैं – पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) में रहें या नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को अपनाएं? सरकार ने इस बार ऑप्शन दिया है, लेकिन एक बार जिसे चुन लिया, वो हमेशा के लिए लॉक (Lock) हो जाएगा।
1 अप्रैल से लागू होगी UPS स्कीम
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की शुरुआत 1 अप्रैल से होने जा रही है। ये स्कीम कर्मचारियों को एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य देने के लिए बनाई गई है। कर्मचारियों के पास यह ऑप्शन रहेगा कि वे ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) या नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) को छोड़कर UPS में शामिल हो सकते हैं।
क्या है इस स्कीम में खास?
UPS का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें पेंशन गारंटी (Pension Guarantee) दी गई है। यानी कर्मचारियों को उनके अंतिम 12 महीनों की औसत बेसिक सैलरी का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलेगा। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि जो कर्मचारी कम से कम 25 साल तक नौकरी कर चुके होंगे, उन्हें इस स्कीम के तहत अच्छी पेंशन मिलेगी।
छोटे कार्यकाल वाले कर्मचारियों का भी ख्याल
अगर कोई कर्मचारी 25 साल की नौकरी पूरी नहीं कर पाता, तब भी उसे पेंशन का लाभ मिलेगा।
10 साल से कम नौकरी वालों को UPS का लाभ नहीं मिलेगा।
10 साल या उससे ज्यादा की नौकरी करने वालों को कम से कम 10,000 रुपये महीना पेंशन मिलेगी।
कर्मचारी की मौत होने पर उसके पति या पत्नी को पारिवारिक पेंशन (Family Pension) का 60% हिस्सा मिलेगा।
कौन-कौन कर्मचारी होंगे इस योजना में शामिल?
इस स्कीम का लाभ उन्हीं केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा जो 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए हैं और वर्तमान में NPS का हिस्सा हैं। यानी अगर आप 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए हैं तो अब आपके पास UPS चुनने का ऑप्शन है। लेकिन, एक बार जो स्कीम चुन ली, उसे बदला नहीं जा सकता।
पेंशन में कैसे होगा योगदान?
UPS का स्ट्रक्चर NPS जैसा ही होगा, लेकिन थोड़ा ज्यादा फायदेमंद। इसमें कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी का 10% योगदान देना होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान देगी। यानी कुल मिलाकर 28.5% पेंशन फंड में जाएगा। यह योगदान कर्मचारी की सैलरी से हर महीने कटेगा, जिससे भविष्य में एक सुरक्षित पेंशन मिल सके।