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अब गेहूं और आटा होगा सस्ता; महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने बनाया ये प्लान

 
wheat auction

Times Haryana, नई दिल्ली: कीमतों पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है। सरकार ने गेहूं की कीमतों को और स्थिर करने के लिए 1 नवंबर से केंद्रीय पूल से गेहूं के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बोली की मात्रा बढ़ा दी है और गेहूं के आटे की कीमतें 200 टन तक बढ़ गई हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि अनाज खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ओएमएसएस के तहत अपने बफर स्टॉक से गेहूं बेच रही है।

बयान में कहा गया है कि देश में प्रत्येक ई-नीलामी में दी जाने वाली कुल मात्रा भी 200,000 टन से बढ़ाकर 300,000 टन कर दी गई है। बोली की मात्रा में वृद्धि का उद्देश्य खुले बाजार में गेहूं की उपलब्धता बढ़ाना और गेहूं की कीमतों को स्थिर करना है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) इन वस्तुओं की खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 28 जून से साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से ओएमएसएस के तहत थोक खरीदारों जैसे आटा मिलर्स और छोटे व्यापारियों को केंद्रीय पूल से गेहूं और चावल बेच रहा है। 26 अक्टूबर को ई-नीलामी के 18वें दौर में 2,318 सफल बोलीदाताओं को लगभग 1.92 लाख टन गेहूं बेचा गया।

देश भर के 444 डिपो से लगभग 2.01 लाख टन गेहूं बिक्री के लिए पेश किया गया था। ई-नीलामी में 2,763 सूचीबद्ध खरीदारों ने भाग लिया। मंत्रालय ने कहा कि स्टॉक की जमाखोरी से बचने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस के तहत गेहूं बेचने के दायरे से बाहर रखा गया है।