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Pension Hike : केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, पेंशन में होगी भारी बढ़ोतरी, मोदी सरकार ने किया ऐलान

अब तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों की पेंशन 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर तय होती आई है। जोकि जनवरी 2016 से प्रभावी है। लेकिन अब आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद पेंशन की राशि में भी सुधार होगा।

 
Pension Hike

मोदी सरकार ने हाल ही में अपने केंद्रीय कर्मचारियों की खुशियों को दोगुना करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आठवें वेतन आयोग का गठन करके सरकार ने न सिर्फ कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की योजना बनाई है बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने की बात की है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 जनवरी को इस आयोग के गठन का ऐलान किया था जो कि आने वाले बजट 2025 से पहले पूरी तरह से लागू होगा।

खासकर रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाने के लिए नई पेंशन स्कीम 'यूपीएस' (Unified Pension Scheme) लागू की जाएगी। इस स्कीम की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से होगी जिसमें पुराने पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) दोनों के बेहतरीन फायदों को शामिल किया जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर की नई धांसू चाल

फिटमेंट फैक्टर वो नंबर है जो कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए अहमियत रखता है। यह हर बार महंगाई सरकारी खजाने की स्थिति और कर्मचारियों की जरूरतों को ध्यान में रखकर तय होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 तक पहुंच सकता है। इससे कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में तगड़ी बढ़ोतरी होगी।

अब अगर बात करें कि 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के बाद कर्मचारियों का मूल वेतन यानी बेसिक पे भी कहर ढाएगा। मौजूदा समय में जहां सबसे कम मूल वेतन 18000 रुपये है वहीं अब 51480 रुपये तक जा सकता है। यानी 18000 रुपये से सीधे 51480 रुपये तक की सीढ़ी चढ़ना सुनकर ही मजा आ रहा है!

एक नए रिटायरमेंट का सपना

'यूपीएस' का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित वित्तीय सुरक्षा देना है। इस स्कीम के तहत हर कर्मचारी को न सिर्फ निश्चित पेंशन मिलेगी बल्कि उनकी फैमिली पेंशन के तौर पर भी 60 प्रतिशत राशि उनके परिवार को दी जाएगी। यानि रिटायरमेंट के बाद भी परिवार के लिए हल्की फुल्की चिंता नहीं होगी।

इस स्कीम के मुताबिक रिटायरमेंट के वक्त न्यूनतम पेंशन 10000 रुपये होगी। साथ ही वह कर्मचारी जो कम से कम 10 साल की सेवा पूरी कर चुके होंगे उन्हें यह बंपर पेंशन मिलने की संभावना है। रिटायरमेंट के बाद अगर पेंशनभोगी की मृत्यु होती है तो उनके परिवार को पेंशन राशि का 60 प्रतिशत हर महीने मिलेगा। जो उनकी पेंशन राशि का आधा होगा।

वेतन मैट्रिक्स में नई गाथा

अब बात करते हैं वेतन मैट्रिक्स की। 2.86 के फिटमेंट फैक्टर के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम मूल वेतन तो लगभग 51480 रुपये हो ही सकता है लेकिन यहां सबसे बड़ी बात यह है कि इससे उनकी पेंशन में भी भारी उछाल देखने को मिलेगा। जहां अभी तक 9000 रुपये की पेंशन मिलती है वहां अब यह राशि 17280 से लेकर 25740 रुपये तक जा सकती है। यानी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम से आज़ाद होकर नए जोश और नई धनवृद्धि के साथ काम पर लौटेंगे।

यूपीएस के तहत पेंशन का नया वर्कआउट

यूपीएस के तहत नई पेंशन का जो सिस्टम लागू होगा उसमें अब कर्मचारियों को सुरक्षा और लाभ के साथ वित्तीय स्थिरता भी मिलेगी। इसमें न सिर्फ फैमिली पेंशन बल्कि हर केंद्रीय कर्मचारी के लिए एक निश्चित पेंशन राशि और कम से कम न्यूनतम पेंशन की व्यवस्था होगी। इस तरह से अब हर रिटायर कर्मचारी को यह उम्मीद होगी कि उनकी जिंदगी में आर्थिक रूप से स्थिरता आएगी।