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Rich spoiled Kings and Queens: भारतीय इतिहास के सबसे अय्याश राजा और रानी, जानकर रह जाएंगे हैरान

 
Rich spoiled Kings and Queens

Rich spoiled Kings and Queens: भारतीय इतिहास के पन्नों में हमें कई ऐसे वीर राजाओं और बहुत के बारे में पढ़ने को मिलता है जिन्होंने अपनी अपराधियों के लोगों की शाम तक कुर्बान कर दी। वहीं कई शासक ऐसे भी हुए हैं जिन्होंने पराक्रमी और प्रजा पालक होने के बदले अपना पूरा जीवन अय्याशी में गुजार दिया। आज के इस वीडियो में हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही। क्या शिवराज मामा के बारे में बताने जा रहे हैं? जिनके बारे में जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे?

पटियाला के महाराजा भूपेन्द्र सिंह :

सूची में सबसे पहला नाम है पटियाला के महाराजा भूपेन्द्र सिंह का। ऐसा माना जाता है कि उनका सबसे बड़ा शौक सुंदर लड़कियों के साथ समय व्यतीत करना था। सुंदर औरतें और कहा पटियाला के महाराजा की सबसे बड़ी कमजोरी थी।

38 सालों तक पटियाला पर राज़ करने वाले भूपेंद्र सिंह ने पांच शादियां की थी और ऐसा माना जाता है कि उनके पास 350 से ज्यादा रखेल थी। 

कुल मिला के महाराजा भूपिंदर के 88 बच्चे थे। पटियाला के महाराजा की का पता इस बात से भी चलता है कि वो फ़्रेंच ब्यूटिशिन्स भारतीय प्लास्टिक सर्जन सोनार ऑफ यू माँ और फैशन डिज़ाइनर के साथ मिलकर अपनी रहे लोगों को अपनी पसंद के हिसाब से तैयार करवातें थे। 

इन सब बातों का खुलासा दीवान जरमनी दास की किताब महाराजा से हुआ है, जिसमें जर्मनी दास ने राजा महाराजाओं के किस्से खुलकर बिना किसी लागलपेट के बताए। ये कमाल की किताब है। अगर मिल सके तो आप भी पढ़ें जर्मनी दास महाराजा में ये भी लिखते हैं कि महाराजा भूपिंदर सिंह नग्न पार्टियों के बहुत शौकीन थे। गर्मियों में अपने पूल में नग्न महिलाओं और मदिरा के साथ जमकर अय्याशी करते थे। इन पार्टीज़ में औरतों के सीने पर मदिरा पी जाती थी और फिर उसके बाद सामूहिक संबंध भी बनाए जाते थे। 

दोस्तों महाराजा बहुत राईस थे। आजादी के बाद इस पे बैठ के हमारे देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रपति भवन गए थे तो महाराजा भूपिंदर सिंह की ही थी। 

मुगल बादशाह शाहजहाँ

हमारी सूची में अगला नाम है मुगल बादशाह शाहजहाँ का हम सब इस कहानी को जानते हैं और इसका कारण है खूबसूरत ताज। सफेद संगेमरमर की बनी वो नायब है महाराज जो आज मिसाल है सच्चे प्रेम की, लेकिन शाहजहाँ की शख्सियत को अगर आप करीब से जान लेंगे तो पाएंगे। नहीं वो प्रेमी नहीं संकी था। 

तो उस तो आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि मुमताज़ की मौत शाहजहाँ की चौथे बच्चे को जन्म देते समय हुई थी। दरअसल मुगल बादशाह मुमताज़ की खूबसूरती का कायल था इसलिए शाहजहाँ ने मुमताज़ के अलावा अपनी किसी और पत्नी से बच्चे पैदा नहीं किए। 

लगातार बच्चों को जन्म देने की वजह से मुमताज़ को कई गंभीर समस्याएं हो गयी थी। जिसके चलते उसकी मौत हो गई। मुमताज़ की मौत के बाद शाहजहाँ ने करीब आठ शादियां और की। उनके अलावा उसके हरम में कई 100 महिलाएं भी थीं। वही तो ताज को पूरा करने में 22,000 लोगों को 22 साल लग गए। 

इसमें लगा सफेद संगमरमर राजस्थान के मकराना से आया था क्रिस्टल, चीन से आए थे रोड नाइट अरब से लेपिस लाजूली अफगानिस्तान से और नीलम श्रीलंका से एक खासतौर पर मंगाए गए थे। इस। अकेली इमारत को कंस्ट्रक्शन में सल्तनत के खजाने का ज्यादातर हिस्सा खर्च हो गया था। 

हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली 

हमारी अय्याश राजाओं की सूची में तीसरा नाम है हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली का। अपने समय में उनकी गिनती दुनिया के सबसे अमीर लोगों में की जाती थी। उनकी अमीरी का ये आलम था कि वो एक। 185 कैरेट के डायमंड का इस्तेमाल अपने टेबल पर पेपरवेट की तरह करते थे।

इस डायमंड का साइज ऑस्ट्रिच के अंडे जितना था और यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा डायमंड था। वैसे तो निजाम की कई किस्से मशहूर हैं, लेकिन सबसे मशहूर ये है कि 22 साल की उम्र में बेगम से अपनी पहली शादी के बाद। महर के रूप में उन्होंने 128 किलो सोना दिया था। जी हाँ 128 किलो।

वैसे उन्होंने कितनी शादियां की ये कहना मुश्किल है। लेकिन उनकी तीन दर्जन के आसपास औलादें थीं। निजाम के पास 14,718 कर्मचारी थे और 3000 बॉडीगार्ड थे। उनके महल के शेर लेयर को ही साफ करने के लिए अड़तीस लोगों का?

ऑफ इन सबके अलावा निजाम उस्मान अपनी शायरी और नेक पेन के लिए भी मशहूर थे। उनकी अंतिम यात्रा में कहते हैं, 10,00,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। 

महारानी गायत्री देवी 

चौथे नंबर पर बात करेंगे महारानी गायत्री देवी की. जयपुर की राजमाता कही जाने वाली महारानी गायत्री देवी का जन्म 20 मई 1919 को लंदन में हुआ था महारानी गायत्री देवी के पिता राजकुमार जीते नारायण कुच बिहार के युवराज के छोटे भाई थे और वहीं उनकी माँ इंदिरा राजे बड़ोदरा के बराठा राजा महाराजा सयाजीराव का इकलौती बेटी थी।

गायत्री देवी के बारे में कहा जाता है कि वो एक बहुत ही बड़े शानदार महल में पड़ी पड़ी थी। और उनके महल में लगभग 500 से ज्यादा नौकर काम करते थे।

इसके साथ साथ गायत्री देवी को गाड़ियों और शिकार का भी बहुत शौक था। उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जब उन्होंने पहली बार चीते का शिकार किया तब उनकी उम्र महज 12 साल की थी। महारानी गायत्री देवी एक अच्छी शिकारी होने के साथ साथ।

एक बेहतरीन को सवार और पोलों की अच्छी खिलाड़ी भी थीं। उन्हें गाड़ियों का भी बहुत शौक था। भारत में पहली बार मर्सिडीज़ डब्ल्यू 126 और 500 एस बी एल को लाने का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है।

मर्सिडीज़ वाला ऑल्सो? इस जैसी गाड़ियों के साथ साथ महारानी गायत्री देवी के पास एक एयर क्राफ्ट भी था। 1940 में गायत्री देवी का विवाह सवाई मान सिंह बहादुर के साथ हुआ, जिसके बाद वह जयपुर की तीसरी महारानी बन गई थी, लेकिन पति और फिर बेटी की मृत्यु के दुखने महारानी को उभरने नहीं दिया। 

इंद्रादेवी महारानी कूच बिहार

वड़ोदरा की राज़ परिवार में जन्मी इंदिरा देवी का जीवन उथल पुथल से भरा रहा। पहले इंदिरा का विवाह ग्वालियर के महाराजा माधवराव सिंधिया से तय हुआ था, लेकिन वह पूज्य बिहार के महाराजा के छोटे भाई के प्यार में ऐसी पड़ी तो उसने वो रिश्ता तोड़ दिया। जितेंद्र और इंदिरा शादी के बाद लंदन चले गए।

और फिर इन दोनों ने पूरे यूरोप की सालों तक शहर की इंदिरा जूतों की इतनी शौकीन थी कि एक बार उसने अपने फेवरेट शो में कर सर्वे को 100 जोड़ी जूते बनाने का ऑर्डर दिया था, जिनमें से कई जूतों में हीरे जवाहरात जड़े जाने थे। 

जूनागढ़ के नवाब सर महाबीर खान रसूल खान 

बात करते हैं जूनागढ़ के नवाब सर महाबीर खान रसूल खान की। ऐसा कहा जाता है कि जूनागढ़ के नवाब महाराज के पास 800 कुत्ते थे। इन सभी कुत्तों के लिए अलग अलग 800 कमरे और पर्सनल सर्वेंट थे।

जब कुत्ते बीमार पड़ते थे तो उन्हें ब्रिटिश जानवरों के अस्पताल ले जाया जाता था। अगर कोई कुत्ता मर जाता था। तो उसके लिए 1 दिन का शोक रखा जाता था।

जब उन्होंने अपने कुत्तों की शादी की तब उस पर ही ₹20,00,000 खर्च कर दिए थे। वह दिन स्टेट हॉलिडे भी डिक्लेर किया गया था.

महाराज किशन सिंह भरत

दोस्तों हमारी सूची का आखिरी नाम है महाराज किशन सिंह भरत। जूनागढ़ के नवाब की तरह भरतपुर के महाराजा किशनसिंह भी अपने अजीबोगरीब शौक के लिए जाने जाते थे।

उनकी एक या दो नहीं बल्कि 40 रानियों थीं। उनके शाही शो के बारे में सुनेंगे तो हैरान रह जाएंगे दीवान जरमनी दास ने महाराजा में किशन सिंह की जिंदगी से जुड़े कई राज्यों को खोला है।

 किशन सिंह को तैराकी का बहुत शौक था। और उन्होंने अपने शौक को पूरा करने के लिए एक गुलाबी संगेमरमर वाली झील बनवाई थी, जिसमें उतरने के लिए चंदन की लकड़ियों की सीढ़ियां बनी हुई थी। राजा के स्वागत में निर्वस्त्र स्त्री या सीढ़ियों पर खड़ी रहती थी।

 इतना ही नहीं सभी रानियाँ अपने हाथों में मोमबत्तियां लेकर नाचती थी और जिसकी मोमबत्ती सबसे ज्यादा देर तक चलती रहती थी। गुजरात महाराज किशन सिंह उसी रानी के साथ रात बिताया करते थे। क्या तरीका है रात के लिए? साथ ही चुनेगा? 

खैर दोस्तों आज की ये वीडियो देखकर क्या आपको राजाओं की भोग विलास से भरी ज़िन्दगी से जलन हो रही है? या सोचकर हँसी आ रही है कि कैसे कैसे अजीबोगरीब रहे हैं? भारत के इन के जो भी लग रहा हो।