Right To Property: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फेंसला; सरकार द्वारा अधिग्रहण की गई भूमि पर मालिक का भी इतना होगा अधिकार

Law On Right To Property In India: सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि अगर सरकार अधिग्रहण(acquisition) की प्रक्रिया के तहत मुआवजा देकर किसी जमीन पर कब्जा(land grab) कर लेती है तो जमीन के मालिक का जमीन पर कोई दावा नहीं रह जाता है। अगर वह ऐसी जमीन पर कब्जा करता है तो उसे अवैध माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट(Allahabad High Court) के फैसले को बरकरार रखा है.
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की अवकाशकालीन पीठ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दो फरवरी के नोटिस को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) निवासी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। प्राधिकरण ने संबंधित व्यक्ति से जमीन के एक हिस्से से उसका कब्जा हटाने को कहा था।
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि याचिकाकर्ता की भूमि का अधिग्रहण 1996 की शुरुआत में ही कर लिया गया था, कब्जा ले लिया गया था और 1894 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम(land acquisition act) के अनुसार मुआवजे का भुगतान कर दिया गया था। यूपी सरकार ने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में मालिकाना हक भी बदला गया है. इसके बावजूद आवेदक ने उस जमीन पर कब्जा कर लिया है।
न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास संबंधित भूमि पर कब्जे का कोई अधिकार नहीं था क्योंकि अधिग्रहण के बाद भूमि पूरी तरह से राज्य का हिस्सा बन गई थी। उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करके सही फैसला दिया है और हम उच्च न्यायालय द्वारा व्यक्त किए गए विचारों से पूरी तरह सहमत हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।