यूपी में पराली जलाने वालों के खिलाफ हथियार बना सैटेलाइट; वसूला जाएगा इतना तगड़ा जुर्माना

Times Haryana, लखनऊ: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जाए। किसानों से पराली न जलाने की अपील की जाए। इसके बाद भी अगर किसान पराली जलाते हैं तो उन पर जुर्माना लगाया जाए और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आठ एनसीआर और 10 अन्य संवेदनशील जिलों के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ पराली प्रबंधन पर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदूषण के दृष्टिगत पराली जलाने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाए। सभी अपने-अपने जिलों में ऐसी घटनाओं पर कड़ी नजर रखें।
अपने क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए राजस्व ग्राम के लेखपाल की जिम्मेदारी तय की जाए। जन जागरूकता एवं प्रवर्तन कार्यवाही के लिए न्याय पंचायत, विकासखण्ड, तहसील एवं जिला स्तर पर टीमें गठित की जाएं।
उपग्रह निगरानी
मुख्य सचिव ने कहा कि किसानों को बताया जाए कि पराली जलाने की घटनाओं पर सेटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें निकलती हैं।
इससे पर्यावरण पर तो प्रतिकूल प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही कई श्वसन संबंधी बीमारियाँ भी होती हैं। पुआल या फसल के अवशेषों को खाद बनाकर उपयोग किया जा सकता है।
किसानों को जागरूक करें
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को किसानों को जागरूक करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बाजारों, सड़कों के किनारे, बाजारों, स्कूलों, पेट्रोल पंपों, पंचायत भवनों और अन्य स्थानों पर होर्डिंग्स लगाए जाएं।
रेडियो पर जिंगल्स, टीवी पर ऑडियो-विज़ुअल क्लिप और टीवी पर स्क्रॉल संदेश प्रसारित किए जाने चाहिए। ग्राम स्तर पर किसान पाठशालाओं में किसानों को पराली प्रबंधन की जानकारी दी जाए।
बैठक में ये लोग मौजूद थे
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर समेत कई लोग मौजूद रहे. बैठक में गाजियाबाद, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, मेरठ, शामली, बागपत, हापुड, मुजफ्फरनगर, अलीगढ, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, बाराबंकी, रामपुर, एटा, इटावा, संभल तथा बरेली के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।