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Success Story : पहले फेल हुईं, फिर मां को खोया, लेकिन UPSC में ऑल इंडिया 14वीं रैंक लाकर बन गईं अफसर, जानिए पूरी कहानी

 
Civil Services Exam

Success Story : हर साल लाखों युवा UPSC (Civil Services Exam) की तैयारी करते हैं लेकिन उनमें से गिने-चुने ही इस मुश्किल इम्तिहान को पास कर पाते हैं। Union Public Service Commission द्वारा आयोजित की जाने वाली ये परीक्षा न केवल भारत बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में गिनी जाती है। इसमें तीन स्टेज होते हैं प्रीलिम्स (Prelims) मेंस (Mains) और इंटरव्यू (Interview)। इसके बाद ही किसी उम्मीदवार को IAS IPS IFS जैसे प्रतिष्ठित पद मिलते हैं।

इस परीक्षा में पास होने के लिए सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि जबरदस्त Dedication Patience और Strategy भी चाहिए होती है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने पहले फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी और अपने मजबूत इरादों से एक मिसाल कायम की। हम बात कर रहे हैं IAS Ankita Chaudhary की जो हरियाणा के रोहतक जिले से हैं।

पहले प्रयास में मिली हार

अंकिता चौधरी ने साल 2017 में पहली बार UPSC की परीक्षा दी थी लेकिन उन्हें उस साल सफलता नहीं मिली। फेल होना किसी के लिए भी निराशाजनक हो सकता है लेकिन अंकिता ने हार मानने के बजाय इसे एक सीख की तरह लिया। उनके पास दो रास्ते थे – या तो छोड़ दें या फिर गलतियों से सीखकर दोबारा मेहनत करें। उन्होंने दूसरा ऑप्शन चुना और पूरी ताकत से तैयारी में जुट गईं।

लोअर मिडिल क्लास से आई हैं अंकिता

अंकिता चौधरी की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं रही है। उनका जन्म हरियाणा के रोहतक जिले में एक Lower Middle Class परिवार में हुआ। उनके पापा एक शुगर मिल में अकाउंटेंट के रूप में काम करते थे। अंकिता बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं और हमेशा कुछ बड़ा करने का सपना देखती थीं। उनके परिवार में कोई भी सरकारी अफसर नहीं था लेकिन अंकिता ने ठान लिया था कि वो कुछ अलग करेंगी।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से की ग्रेजुएशन

अंकिता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से Chemistry में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने IIT Delhi से मास्टर्स डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने ठान लिया था कि वह UPSC की तैयारी करेंगी। मास्टर्स करते हुए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी और पहली बार 2017 में परीक्षा दी जिसमें वह पास नहीं हो पाईं।

तैयारी के दौरान हुआ बड़ा दुख

यूपीएससी की तैयारी आसान नहीं होती और जब जिंदगी में निजी दुःख आ जाए तो चीजें और मुश्किल हो जाती हैं। अंकिता की मां का एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। ये खबर उनके लिए किसी सदमे से कम नहीं थी। लेकिन उन्होंने अपने दर्द को ताकत में बदला और मां को अपनी प्रेरणा मानते हुए फिर से मेहनत शुरू की। उनके पिता ने भी उनका पूरा साथ दिया।

बनीं ऑल इंडिया रैंक 14 की टॉपर

अंकिता ने 2018 में दोबारा UPSC परीक्षा दी और इस बार उन्होंने ऑल इंडिया 14वीं रैंक (AIR 14) हासिल की। उनकी इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि हरियाणा और पूरे देश का नाम रोशन किया। अब वो एक IAS Officer हैं और कई युवाओं के लिए इंस्पिरेशन बन चुकी हैं।

IAS बनने के बाद क्या कहा अंकिता ने?

अंकिता कहती हैं कि UPSC सिर्फ एक परीक्षा नहीं है ये एक सफर है। इसमें धैर्य और मेहनत दोनों चाहिए। पहली बार में नाकाम होने के बाद मैंने खुद से सवाल किए अपनी गलतियों को समझा और सुधार किया। मेरी सफलता का क्रेडिट मेरे पिता को जाता है जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे।