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कहानी उस मुगल बादशाह की जिसने शौंक पूरा करने के चक्कर में लूटा दी अपनी बेशकीमती दौलत; जाने क्या था शोख

 
Kohinoor,

Times Haryana, नई दिल्ली: मुगल काल (Mughal period)के दौरान कुछ ऐसी घटनाएँ भी हुईं जिनसे भारत (India)को बहुत नुकसान हुआ। इसमें मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला(H Muhammad Shah Rangeela) और उसके द्वारा नूर बाई के साथ विश्वासघात शामिल है। ईरान का बादशाह नादिर शाह कोहिनूर(Badshah Nadir Shah Kohinoor) को भारत से छीनकर अपने साथ ले गया।

1739 में ईरान के बादशाह नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया और मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला को हरा दिया। उस समय मुग़ल सल्तनत की शक्ति लगातार गिर रही थी। नादिर शाह ने दिल्ली पहुंचकर खजाना खाली कर दिया।

दिल्ली दरबार में मुहम्मद शाह रंगीला और नादिर शाह बैठे थे। नादिर शाह ने चालाकी से कहा कि जाने से पहले हमारी पगड़ी बदलने की रस्म है और मैं इसे बादशाह के साथ करना चाहता हूं। बादशाह को पता था कि कोहिनूर हीरा उसकी पगड़ी में है, लेकिन वह चाहकर भी नादिर को मना नहीं कर सका। कई इतिहासकारों का कहना है कि नूर बाई ने नादिर शाह को बादशाह की पगड़ी में कोहिनूर होने की बात बताई थी.

इसके अलावा, नादिर शाह अपनी सेना के साथ मुगल राजधानी दिल्ली में लगभग 56 दिनों तक रहा। लेकिन लूटपाट के बाद उसने दिल्ली की गद्दी मुहम्मद शाह रंगीला को दे दी और ईरान लौट गयी। हार के बावजूद मुहम्मद शाह रंगीला फिर से गद्दी पाकर खुश थे। लेकिन उसे बहुत बड़ा धोखा मिला.

नूरबाई की एक गलती से मुगल सल्तनत भारी पड़ गई। दरअसल, नूर बाई को मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला पसंद नहीं था, इसलिए वह नादिर शाह के करीब आ गईं। आइए देखें कि मुगल सल्तनत की हार के बाद मुगल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला कैसे इस धोखे का शिकार हुए।