मार्च महीने में इस सब्जी की मार्केट में रहती है जबरदस्त डिमांड, सिर्फ 54 दिनों में किसान हो जाएंगे मालामाल
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भाइयों और बहनों अगर आप भी खेती से बंपर कमाई (profit) करने का सपना देख रहे हैं तो ये खबर आपके लिए किसी जैकपॉट से कम नहीं। मार्च का महीना आते ही किसानों को नई फसल की तैयारी में जुट जाना चाहिए।
और अगर इस बार आप टिंडा 48 (Tinda 48) की खेती कर लेते हैं तो सिर्फ 54 दिनों में लाखों की कमाई कर सकते हैं। जी हां आपने सही सुना। मार्केट में इसकी तगड़ी डिमांड (demand) है और दाम भी अच्छे मिल रहे हैं।
अब सोच रहे होंगे कि आखिर ये टिंडा 48 किस बला का नाम है? तो चलिए बिना टाइम खराब किए आपको इसकी खेती से लेकर कमाई तक का पूरा गणित समझाते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि टिंडे जैसी सिंपल सब्जी से इतना तगड़ा मुनाफा कैसे हो सकता है तो जनाब आज का जमाना हाईब्रिड (hybrid) किस्मों का है। टिंडा 48 एक उन्नत किस्म है जो बाकी टिंडों के मुकाबले ज्यादा उपज देती है और जल्दी तैयार हो जाती है।
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह कम समय में तगड़ा प्रोडक्शन (production) देती है और मार्केट में इसकी डिमांड हमेशा हाई बनी रहती है। यानी कम लागत, ज्यादा प्रोडक्शन और बंपर कमाई—यही है टिंडा 48 की पहचान।
कैसे करें टिंडा 48 की खेती?
अब बात आती है खेती की तो भाईसाहब इसकी बुआई (sowing) कोई रॉकेट साइंस नहीं है बस कुछ जरूरी स्टेप्स फॉलो करें और 54 दिनों में तगड़ी फसल पाएं।
मिट्टी का चुनाव – टिंडा 48 की खेती के लिए बालूदार दोमट मिट्टी (sandy loam soil) सबसे बढ़िया रहती है। यह मिट्टी पानी को सही तरीके से सोखती है और फसल को बेहतरीन ग्रोथ देती है।
खेत की तैयारी – बुआई से पहले खेत की अच्छी तरह से गहरी जुताई कर लें और इसमें गोबर की खाद (organic fertilizer) जरूर मिलाएं। इससे मिट्टी की उर्वरकता बढ़ेगी और फसल दमदार होगी।
बीज की बुआई – टिंडा 48 के बीजों को बुआई से पहले फंगी-साइड (fungicide) से ट्रीटमेंट करना चाहिए, ताकि ये किसी भी बीमारी से सुरक्षित रहें।
सिंचाई और देखभाल – गर्मी में फसल को अच्छी नमी की जरूरत होती है, इसलिए ड्रिप इरिगेशन (drip irrigation) या हल्की सिंचाई करें। साथ ही, समय-समय पर खरपतवार (weeds) हटाते रहें ताकि फसल स्वस्थ बनी रहे।
तुड़ाई का टाइम – बुआई के 54 दिनों बाद फसल तैयार हो जाती है और पहले कटाई (harvesting) के बाद आपको लगातार कुछ हफ्तों तक तुड़ाई करनी पड़ती है। मतलब एक बार फसल लगाने के बाद लगातार कमाई।
कितनी होगी कमाई?
अब आते हैं सबसे जरूरी सवाल पर—कमाई कितनी होगी? भाई, यही तो असली मसला है।
एक एकड़ में टिंडा 48 की खेती करने पर करीब 72 क्विंटल तक उत्पादन होता है।
बाजार में टिंडे के रेट 25-30 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिलते हैं।
यानी टोटल कमाई 1.8 लाख से 2.1 लाख रुपये तक हो सकती है।
अब बताइए, सिर्फ 54 दिनों में इतनी जबरदस्त कमाई, वो भी कम मेहनत में। तो भाइयों, इस मौके को हाथ से मत जाने दीजिए और इस बार टिंडा 48 को अपने खेतों में जरूर ट्राई कीजिए।
मार्केट में तगड़ी डिमांड
अब सवाल ये है कि टिंडा 48 की इतनी ज्यादा डिमांड क्यों है? इसका जवाब भी बहुत मजेदार है।
गर्मियों में टिंडे की डिमांड शहरों में तेजी से बढ़ जाती है। होटल, ढाबे, और सब्जी मंडियों में इसकी तगड़ी खपत होती है।
कम समय में तैयार होने वाली सब्जियों की हमेशा ज्यादा मांग रहती है, इसलिए किसान इसे बड़े पैमाने पर उगा रहे हैं।
टिंडा 48 की शेल्फ लाइफ (shelf life) अच्छी होती है, जिससे इसे दूर-दराज के मार्केट में भी आसानी से बेचा जा सकता है।