हरियाणा में यह पहाड़ी बनेगी पर्यटन का बड़ा केंद्र, 57 करोड़ की लागत से बन रहा रस्से का मार्ग

हरियाणा सरकार ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसी दिशा में नारनौल स्थित ढोसी पहाड़ी (Dhosi Hills) को एक प्रमुख पर्यटन स्थल (Tourist Destination) के रूप में विकसित किया जा रहा है।
नेशनल हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर एवं लॉजिस्टिक कॉरपोरेशन (National Highway Infrastructure & Logistic Corporation) के तहत इस पहाड़ी पर 57 करोड़ रुपए की लागत से रोपवे (Ropeway) बनाया जा रहा है जो लगभग पूरा होने के कगार पर है।
इस परियोजना के पूर्ण होते ही आम लोगों के लिए ढोसी पहाड़ी तक पहुंचना आसान हो जाएगा जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
इस पर्यटन परियोजना की नींव साल 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) द्वारा रखी गई थी। उन्होंने हेलीकॉप्टर से इस क्षेत्र का निरीक्षण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी।
पहले PWD विभाग (Public Works Department) ने इस पहाड़ी पर सड़क बनाने की योजना बनाई थी लेकिन पहाड़ी के प्राकृतिक स्वरूप को सुरक्षित रखने के लिए इसे रद्द कर दिया गया और रोपवे निर्माण का निर्णय लिया गया।
इस रोपवे के जरिए श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से ढोसी पहाड़ी पर स्थित धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच सकेंगे।
बनेगा अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक उपचार केंद्र
ढोसी पहाड़ी केवल धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ (Wellness Tourism) के लिए भी एक बेहतरीन स्थान मानी जाती है। सरकार ने इस पहाड़ी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्राकृतिक उपचार केंद्र (International Natural Therapy Center) बनाने की योजना बनाई है।
यह क्षेत्र चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है और बीच में एक समतल भूमि है जो अपने शुद्ध वातावरण (Pure Environment) और प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा योग और प्राकृतिक उपचार जैसी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा जिससे यह केंद्र स्वास्थ्य पर्यटन (Health Tourism) के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।
इसके अलावा पहाड़ी की ऊंची चोटियों पर पैराग्लाइडिंग (Paragliding) रोप क्लाइम्बिंग (Rope Climbing) और अन्य एडवेंचर स्पोर्ट्स (Adventure Sports) को भी विकसित करने की योजना बनाई गई है। इससे रोमांच प्रेमियों को एक नया अनुभव मिलेगा और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी।
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व
ढोसी पहाड़ी को महर्षि च्यवन (Maharishi Chyawan) की तपोस्थली माना जाता है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यहीं पर च्यवनप्राश (Chyawanprash) की खोज हुई थी।
कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपने अज्ञातवास (Exile Period) के दौरान इस पहाड़ी पर कुछ समय बिताया था।
यहां कई प्राचीन मंदिर चंद्रकूप और अन्य धार्मिक स्थल मौजूद हैं जिन्हें विकसित कर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
सरकार इस पहाड़ी पर आधुनिक फूड कोर्ट (Modern Food Court) स्थापित करने की भी योजना बना रही है जहां विभिन्न प्रदेशों के शाकाहारी व्यंजन उपलब्ध होंगे।
इसके साथ ही टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स (Tourist Complex) का भी निर्माण किया जाएगा जिससे पर्यटकों को ठहरने की उचित सुविधा मिल सकेगी।
पर्यटकों का ठहराव होगा सुनिश्चित
ढोसी पहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से न केवल हरियाणा बल्कि राजस्थान आने-जाने वाले पर्यटकों को भी लाभ मिलेगा।
सरकार का मानना है कि यदि इस क्षेत्र को बेहतर पर्यटन सुविधाओं (Tourism Facilities) से जोड़ा जाता है तो नारनौल से गुजरने वाले हजारों पर्यटक यहां कुछ दिन रुक सकते हैं।
नारनौल और महेंद्रगढ़ के ऐतिहासिक स्थलों जैसे – बीरबल का छत्ता चोर गुंबद जलमहल शाहकुलीखां का मकबरा मिर्जा अली की बावड़ी महेंद्रगढ़ का किला माधोगढ़ का रानी महल आदि को भी इस परियोजना से जोड़ा जा सकता है।
इससे क्षेत्र में व्यापार और रोजगार के नए अवसर (Business & Employment Opportunities) पैदा होंगे और महेंद्रगढ़ जिला देश के पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान बना सकेगा।