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शाही ठाठ और सोने की प्लेट में परोसा जाता है खाना, ये है भारत की चलती फिरती शाही ट्रेन

 
Maharaja Express Ticket Price

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे की एक ऐसी ट्रेन है, जो सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने का जरिया नहीं, बल्कि एक चलता-फिरता महल है। नाम है महाराजा एक्सप्रेस, जो नाम के मुताबिक ही शाही अनुभव देने का वादा करती है। इसमें सफर करना आम आदमी के बस की बात नहीं क्योंकि टिकट की कीमत लाखों में होती है, लेकिन जो लोग इसमें चढ़ते हैं, वो जिंदगी भर इस अनुभव को नहीं भूलते।

IRCTC यानि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन द्वारा चलाई जाने वाली इस लक्ज़री ट्रेन की गिनती न सिर्फ भारत में, बल्कि दुनिया की सबसे आलीशान ट्रेनों में होती है। इसका अंदरूनी नजारा ऐसा लगता है जैसे कोई राजघराने की सवारी चल रही हो। 24×7 पर्सनल बटलर सेवा, रेड-कार्पेट वेलकम, जंगल सफारी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, ऑनबोर्ड वाई-फाई, लाइव टीवी, लाइब्रेरी और शॉपिंग कोच जैसी सुविधाएं इसे और भी खास बना देती हैं।

सिर्फ 84 लोगों के लिए ही है सीट

महाराजा एक्सप्रेस में कुल 23 कोच हैं, जिनमें 14 पैसेंजर डिब्बे, 2 शानदार डाइनिंग कार, एक बार-लाउंज, एक राजा क्लब लाउंज और बाकी तकनीकी सपोर्ट के लिए हैं। पर इस पूरे शाही ठाठ में सिर्फ 84 यात्रियों को ही सफर करने का मौका मिलता है। उनके लिए 20 डीलक्स केबिन, 18 जूनियर सुइट, 4 सुइट और एक प्रेसिडेंशियल सुइट उपलब्ध हैं। हर केबिन में एयर कंडीशनिंग, टीवी, DVD प्लेयर, पर्सनल सेफ और तापमान कंट्रोल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।

कितना है किराया?

अब बात करते हैं टिकट के किराये की, जो आम आदमी के होश उड़ा सकता है। डीलक्स केबिन का किराया करीब ₹4 लाख से शुरू होता है। जूनियर सुइट और सुइट की कीमत ₹7 लाख से लेकर ₹14 लाख तक जाती है। सबसे महंगी प्रेसिडेंशियल सुइट की बात करें तो इसका किराया ₹18–20 लाख तक पहुंच जाता है।

उदाहरण के लिए The Indian Splendour रूट पर डीलक्स केबिन ₹4.55 लाख और प्रेसिडेंशियल सुइट ₹20 लाख तक का पड़ता है। वहीं, सबसे छोटा रूट Treasures of India में भी डीलक्स केबिन ₹4.13 लाख से शुरू होता है।

महंगे टिकट का राज क्या है?

अब सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि इस ट्रेन का टिकट इतना महंगा है? दरअसल, इसका किराया सिर्फ एक यात्रा का मूल्य नहीं है, बल्कि इसमें मिलने वाले अनुभव का मूल्य है। यह ट्रेन यात्रियों को ऐसा फील देती है जैसे वो किसी शाही काफिले का हिस्सा हों।

प्रेसिडेंशियल सुइट: चलता-फिरता महल

इस ट्रेन का सबसे आलीशान हिस्सा है प्रेसिडेंशियल सुइट, जो पूरे एक कोच को घेरता है। इसमें स्टूडियो जैसा लिविंग एरिया, मास्टर बेडरूम, डीलक्स ट्विन बेडरूम, बाथटब वाला शानदार स्नानघर—सब कुछ होता है। यानि इस कोच में सफर करने का मतलब है, चलते-फिरते राजमहल का मजा लेना।

शाही खाना और लाउंज का मजा

भोजन की बात करें तो यहां दो रॉयल डाइनिंग कार हैं रंग महल और मयूर महल जो अपने नाम के अनुसार ही सजाए गए हैं। यात्रियों को सुनहरे बर्तनों में भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जाते हैं। खाने के साथ-साथ आराम के लिए राजा क्लब और सफारी लाउंज भी हैं, जहां किताबें पढ़ने से लेकर स्नैक्स और ड्रिंक्स का आनंद लिया जा सकता है।

कहां-कहां जाती है महाराजा एक्सप्रेस?

महाराजा एक्सप्रेस साल में सिर्फ अक्टूबर से अप्रैल के बीच ही चलती है और चार खास रूट्स पर संचालित होती है:

The Heritage of India (6 रात–7 दिन): मुंबई, अजंता, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर, जयपुर, रणथंभौर, आगरा, दिल्ली

The Indian Panorama (6 रात–7 दिन): दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, फतेहपुर सीकरी, आगरा, वाराणसी, लखनऊ

The Indian Splendour (6 रात–7 दिन): दिल्ली से मुंबई तक, रास्ते में आगरा, जयपुर, जोधपुर

Treasures of India (3 रात–4 दिन): दिल्ली, आगरा, रणथंभौर, जयपुर, फिर वापस दिल्ली

हर रूट भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर से भरा होता है। यानी ये ट्रेन सिर्फ सफर नहीं कराती, बल्कि भारत को महसूस कराती है।