टीना डाबी का जनसुनवाई शिविर बना चर्चा का केंद्र, चलती मीटिंग में अधिकारियों को दे डाली चेतावनी

जयपुर, IAS Tina Dabi : राजस्थान के बाड़मेर में गुरुवार को जिला स्तरीय जनसुनवाई शिविर (Public Hearing Camp) में कलेक्टर टीना डाबी अपनी दृढ़ता और तीखे तेवरों में नजर आईं। उन्होंने जनता की समस्याओं के समाधान में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि "जनता के मसले अनदेखे (Ignored) नहीं किए जा सकते और इस प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।" इस दौरान कलेक्टर ने दोहराया कि समस्याओं का त्वरित समाधान (Quick Resolution) होना चाहिए।
जनता की शिकायतों पर कलेक्टर का तीखा रुख
जनसुनवाई शिविर में भाग लेने आए कई परिवादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे, जिनमें बिजली कटौती (Power Outage), पानी की किल्लत और अतिक्रमण जैसे मुद्दे मुख्य रहे। लेकिन, कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनका समाधान कई बार प्रयास के बावजूद नहीं हो पाया। इसी वजह से कई बार-बार जनसुनवाई में आ रहे थे। इन मामलों पर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने कहा, "बार-बार एक ही समस्या को सुनने का मतलब है कि अधिकारी (Officials) अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। ऐसी स्थिति को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।"
बस सेवा फिर से शुरू करने की अपील
बाड़मेर के अकली गांव के निवासियों ने इस जनसुनवाई के दौरान एक अहम मुद्दा उठाया। उन्होंने कलेक्टर से बॉर्डर क्षेत्र में बंद हो चुकी बस सेवा (Bus Service) को फिर से शुरू करने का अनुरोध किया। ग्रामीणों ने बताया कि 20 वर्षों से चल रही बस सेवा अचानक बंद हो गई है जिसके कारण स्कूल, बाजार और अन्य जगहों पर आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है। ग्रामीणों की इस बात को सुनते हुए टीना डाबी ने इस समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने रोडवेज (State Transport Department) अधिकारियों से संपर्क कर स्थिति की जांच करने और बस सेवा पुनः शुरू करने की योजना बनाने के निर्देश दिए।
अन्य शिकायतें भी पहुंचीं चर्चा में
शिविर में कई ऐसे मामले भी सामने आए जिनमें सरकारी भूमि पर अतिक्रमण (Encroachment) की शिकायतें प्रमुख रहीं। इन शिकायतों पर कार्रवाई करने में हो रही देरी पर भी कलेक्टर ने नाराजगी जताई। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस तरह की समस्याओं को शीघ्रता से निपटाने के लिए सख्त कदम उठाएं और एक तय समय सीमा (Time Frame) के भीतर समाधान पेश करें।
हर शिकायत पर गंभीरता से हो कार्रवाई
टीना डाबी ने अधिकारियों को एक सख्त संदेश दिया, "अगर जनता बार-बार अपनी समस्या लेकर आपके पास आ रही है, तो यह दर्शाता है कि हम अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल हो रहे हैं। यह स्थिति स्वीकार नहीं है।" कलेक्टर ने आगे कहा कि प्रत्येक शिकायत पर गंभीरता से विचार करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही (Negligence) दोबारा न हो।