शादी की First Night को क्यों कहा जाता है सुहागरात; 90% लोगों को नहीं पता

Times Haryana, नई दिल्ली: विवाह को धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। शादी की पहली रात और भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस रात के लिए खास तैयारियां की जाती हैं. इसे रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।
आइए जानते हैं उन कारणों के बारे में कि भारत में इसे सुहागरात क्यों कहा जाता है। दरअसल, यह रात एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है जब पति-पत्नी दोनों वैवाहिक जीवन को चिरस्थाई बनाने की कोशिश में अपने आपसी रिश्तों को मजबूत करते हैं।
दरअसल, यह रात दो पार्टनर्स के बीच समझ, प्यार और विश्वास की शुरुआत का प्रतीक है। यह रात दोनों के लिए आपसी समझ और एक-दूसरे के सहयोग से एक नया पारिवारिक जीवन शुरू करने का अवसर है।
यह रात भविष्य के आपसी संबंधों की पूर्ति की शुरुआत का प्रतीक है। यह रात भविष्य में आपसी रिश्ते बनाने में मदद करती है और दोनों के बीच विश्वास, सम्मान, प्यार और सहयोग की नींव रखती है।
इसे सुहागरात इसलिए कहा जाता है क्योंकि यही वह समय होता है जब नवविवाहित जोड़े भोजन, मनोरंजन और आराम के अवसर पर अपना हनीमून मनाते हैं।
'सुहाग' शब्द संस्कृत के 'सुहागिनी' शब्द से आया है जिसका अर्थ है 'सौभाग्यशाली विवाहित महिला'। इसीलिए इसे सुहागरात कहा जाता है और यह पूरी तरह से सुहाग को समर्पित है। सौभाग्यशाली विवाहित महिला की पहली कहानी उसके विवाहित जीवन की प्रारंभिक प्रस्तावना है।
हनीमून नवविवाहितों के बीच सबसे रोमांटिक और अंतरंग पल होता है, जिसमें उनका रिश्ता गहरा होता है और उन्हें अपने दिल की बात कहने का मौका मिलता है।
एक अन्य मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुहाग संस्कृत के शब्द सौभाग्य से बना है। सुहाग और सुहागन शब्द विवाह से जुड़े हैं। पति के सौभाग्य को बढ़ाने के लिए सहेलियों को विवाह के चिन्ह दिए जाते हैं। इसलिए सुहाग की पहली रात के कारण इसका नाम सुहागरात रखा गया।