Income Tax Notice: आयकर विभाग ने जारी किया नोटिस, इन लोगों को देना होगा जुर्माना

यदि आप करदाता हैं, तो यह लेख आपकी जिम्मेदारी है। आयकर विभाग लगातार करदाताओं को नोटिस भेज रहा है। करदाताओं पर भी कठोर जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा आयकर विभाग ने जुर्माना वसूलने के लिए कार्ययोजना भी शुरू कर दी है।
दरअसल पुरानी योजना के तहत आयकर विभाग ने आयकर बचाने के लिए कई उपाय किए हैं। इसमें मकान किराया और कई अन्य बीमा शामिल हैं। आयकर बचाने के लिए आपको मकान किराये की रसीद फरवरी या मार्च में देनी होगी। अक्सर अतिरिक्त कागजी कार्रवाई भी खत्म हो जाती है।
विशिष्ट सॉफ्टवेयर की सहायता से पता लगाया गया
आयकर विभाग रिस्ती की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए एक विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहा है। इस सॉफ्टवेयर से करदाताओं के फर्जी दस्तावेजों को पकड़ना आसान हो गया है। आयकर विभाग ऐसे करदाताओं को नोटिस भेज रहा है। नोटिस भेजा जाता है और छूट पत्र मांगे जाते हैं।
इन दस्तावेजों की जाँच की जा रही है
आयकर विभाग फर्जी दस्तावेजों के प्रति सख्त है। आयकर विभाग का मानना है कि घरेलू ऋण पर दिया गया ब्याज, कार्यालयीन ड्यूटी के लिए सहायक की नियुक्ति तथा घरेलू ऋण पर दिए गए ब्याज की रसीद। ऐसे कई मामले सामने आये हैं।
आयकर विभाग के रडार पर आकलन वर्ष 2023-24 के लिए मामले हैं। ऐसे लोगों को आयकर नोटिस भेजे जा रहे हैं। आयकर अधिनियम (आयकर अधिनियम) की धारा 133(6) के अनुसार रिटर्न भेजा जाता है। अधिनियम की इस धारा के अनुसार, कर निर्धारण अधिकारी किसी विशिष्ट अवधि में व्यय की गई राशि के बारे में आयकर विभाग से जानकारी मांग सकता है। यह उनका स्वतंत्र अधिकार है। करदाताओं को सूचित किया जाना चाहिए।
ऐसे बनाएं फर्जी दस्तावेज
करदाताओं ने आयकर बचाने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 10 (13ए) का उपयोग किया। इसके तहत मकान के किराये पर टैक्स में छूट मिलती है।
यदि मकान का किराया एक लाख रुपये से अधिक है तो आपको मकान मालिक का पैन कार्ड देना होगा। यदि किराया कम है तो पैन कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी। लोगों ने इसका फायदा उठाकर अपने रिश्तेदारों के नाम पर पर्चियां बना लीं। जिन्हें जांच के दौरान गिरफ्तार किया जा रहा है।
आयकर विभाग ने पकड़ा फर्जीवाड़ा
आयकर विभाग ने एक और धोखाधड़ी पकड़ी है। इसमें करदाता अपना मकान होने के बावजूद किराया पर्ची लगाकर कर छूट का लाभ ले रहे हैं। आयकर विभाग का सॉफ्टवेयर अब इन मामलों को पकड़ रहा है और वे ऐसे लोगों को नोटिस भेजने के लिए तैयार हैं।
तो ये धोखाधड़ी
पुरानी योजनाओं में अक्सर मकान किराया कर (हाउस रेंट पर टैक्स) को लेकर धोखाधड़ी के मामले सामने आते हैं। ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण यह है कि इससे आयकर में काफी बचत हो सकती है। पुरानी योजना में अगर किसी ने 2.40 लाख रुपये सालाना किराया दिया है तो उसका पूरा टैक्स बच जाता है। इसमें आपको कंपनी की ओर से घर किराये पर लेने की सुविधा मिलनी चाहिए।
जुर्माने की कीमत
जब कोई व्यक्ति टैक्स बचाने के लिए संस्था को फर्जी बिल प्रस्तुत करता है तो सीधे तौर पर आय छिपाने का सवाल उठता है। ऐसे मामलों में आयकर अधिकारी जांच शुरू कर सकता है।
ऐसा न करने पर धारा 270ए(1) के अनुसार पचास प्रतिशत जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोई जानबूझकर फर्जी बिल देता है तो उसे 200 फीसदी तक जुर्माना देना होगा।