Haryana Roadways News: हरियाणा रोडवेज की नई शुरूवात, सुरू होगा ई-टिकटिंग सिस्टम, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी शुभारंभ..
Open Loop ticketing In Haryana: प्रथम चरण में इस टिकटिंग परियोजना को 6 रोडवेज डिपो चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में लागू किया जाएगा। इसी तरह हरियाणा रोडवेज के शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक परियोजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार, 29 नवंबर को प्रदेशवासियों को हरियाणा रोडवेज में नई टिकटिंग व्यवस्था (ई-टिकटिंग) की सौगात देने जा रही हैं। हरियाणा रोडवेज में ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम को लागू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन जाएगा। इस नई ई-टिकटिंग व्यवस्था से न केवल यात्रियों को लाभ मिलेगा बल्कि हरियाणा रोडवेज को भी फायदा होगा। राष्ट्रपति मुर्मू कुरुक्षेत्र से इस परियोजना का शुभारंभ करेंगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने मौजूदा मैनुअल प्रिंटेड टिकट प्रणाली के स्थान पर ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम को राज्य परिवहन में लागू करने का फैसला लिया था। इसके अंतर्गत पेपर पास, प्रिंटेड टिकट प्रणाली के स्थान पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड को लागू किया जाएगा। इसमें मुफ्त या रियायती बस यात्रियों व अन्य यात्रियों को 10 लाख नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड जारी किए जाएंगे। प्रारंभिक चरण में इस टिकटिंग परियोजना को 6 रोडवेज डिपो चंडीगढ़, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी और सिरसा में लागू किया जाएगा। इसी तरह हरियाणा रोडवेज के शेष 18 डिपो में जनवरी 2023 के अंत तक परियोजना को पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा।
पूरे भारत में यात्रा के लिए उपयोगी होगा नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड
नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड पूरे भारत में यात्रा के लिए अलग-अलग इस्तेमाल किया जाएगा। अन्य प्रदेश भी नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन हरियाणा ने तेजी से काम करते हुए सबसे पहले लागू किया है। इस कार्ड को भविष्य में मेट्रो, बस, ट्रेन आदि के सफर में इस्तेमाल किया जाएगा। ट्रांसपोर्ट की करीब-करीब विकल्पों के लिए इस कार्ड का इस्तेमाल होगा।
नई व्यवस्था से हरियाणा रोडवेज को भी होगा फायदा
नई टिकटिंग व्यवस्था से हरियाणा रोडवेज को भी फायदा होगा। इससे राजस्व लीकेज पूरी तरह रूकेगी। हरियाणा रोडवेज में छूट प्राप्त करने वाले लोगों की पहचान हो सकेगी। इसके अतिरिक्त फर्जी पास पर चलने वालों पर रोक लगाई जा सकेगी। इससे टिकट व पास आदि बनाने में लगने वाले कागज की बचत होगी। डिजिटली डाटा मिलने से जिस रूट पर ज्यादा यात्री हैं, वहां पर बसों का आसानी से संचालन किया जा सकेगा। कार्ड आधारित भुगतान मॉडल होगा, जिससे ऑफलाइन व क्रेडिट, डेबिट व प्रीपेड कार्ड से भुगतान हो सकेगा।