डिप्टी CM ने इन उद्योगों के लिए किया बड़ा ऐलान, मिलेंगे साढ़े पांच लाख रुपये, जानें कैसे उठाए योजना का लाभ
Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा कि राज्य में सूक्ष्म और लघु उद्योगों को अब अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए 5.5 लाख रुपये और राष्ट्रीय प्रदर्शनी आयोजित करने के लिए 3.75 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। उद्योग और वाणिज्य विभाग ने उद्योगपतियों को जल्द से जल्द सुविधा का लाभ उठाने में सक्षम बनाने के लिए एक अधिसूचना भी जारी की है।
उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी के मामले में स्थल, भागीदारी शुल्क, उद्योग से प्रदर्शनी देश तक शिपमेंट शुल्क, प्रदर्शनी सामग्री की लागत, उत्पाद साहित्य, स्टाल निर्माण, फैब्रिकेशन-डिजाइनिंग शुल्क या उपरोक्त सभी वस्तुओं का 75 प्रतिशत अधिकतम 4 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा.
इसके अलावा, प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों के रूप में अधिकतम दो व्यक्तियों के लिए विमान का इकोनॉमी क्लास का किराया या रेलवे क्लास II एसी का किराया 50,000 रुपये तक और बोर्डिंग शुल्क 25,000 रुपये तक का भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार दोनों मदों में सहायता की अधिकतम राशि 75,0 रुपये होगी
इसके अलावा, प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए उद्योग प्रतिनिधियों के रूप में अधिकतम दो लोगों के लिए 1 लाख रुपये तक का इकोनॉमी क्लास का हवाई किराया और 50,000 रुपये तक का बोर्डिंग शुल्क का भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार, इन दोनों मदों में 1.50 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
इसी समस्या को समझते हुए राज्य सरकार ने उन्हें बाजार विकास सहायता के नाम पर अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों के आयोजन के लिए 5.50 लाख रुपये और राष्ट्रीय प्रदर्शनियों के लिए 3.75 लाख रुपये तक की मदद देने का फैसला किया।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि राष्ट्रीय प्रदर्शनी के लिए स्थान, भागीदारी शुल्क, उद्योग से प्रदर्शनी स्थल तक परिवहन, शुल्क, प्रदर्शन सामग्री, उत्पाद साहित्य की लागत, स्टाल निर्माण, फैब्रिकेशन-डिज़ाइन शुल्क या उपरोक्त सभी वस्तुओं का 75 प्रतिशत तक योजना में अधिकतम 3 लाख रूपये का भुगतान किया जायेगा।
डिप्टी सीएम, जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का भी प्रभार है, ने गुरुवार को यहां कहा कि कभी-कभी सूक्ष्म एवं लघु उद्योग अपने उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करना चाहते हैं, लेकिन उनके पास बजट नहीं होता है.