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हरियाणा रोडवेज के इन 800 कंडक्टरों को लगने वाला बड़ा झटका, परिवहन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

 
 
परिवहन मंत्री ने दिए जांच के आदेश

Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा की ऐसी खबर है कि कुछ उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए “फर्जी” प्रमाण पत्रों का सहारा लिया। इसलिए परिवहन विभाग ने इन प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू कर दिया है। परिवहन मंत्री अनिल विज के निर्देश पर सभी रोडवेज डिपो के महाप्रबंधकों को जांच के आदेश दिए गए हैं।

फर्जी प्रमाण पत्रों की शिकायत के बाद शुरू हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, यह कदम तब उठाया गया जब अधिकारियों को शिकायतें मिलीं कि कई उम्मीदवारों ने नौकरी पाने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है।

रोडवेज मुख्यालय के आदेश पर कई डिपो पर जांच के लिए कमेटियां गठित की गई हैं। ये समितियां हड़ताल के दौरान जारी किए गए प्रमाण-पत्रों की जांच कर रही हैं, जिनमें से कई के फर्जी होने का संदेह है।

2018 की हड़ताल के अनुभव ने विवाद पैदा किया

इन अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने का मुख्य कारण यह बताया जा रहा है कि इन्होंने 2014 में रोडवेज कर्मियों की 18 दिन की हड़ताल के दौरान सरकार की मदद की थी।

उस समय हड़ताल के कारण सड़क सेवाएं ठप हो गई थीं, जिसे सुचारू रखने के लिए इन अभ्यर्थियों को दैनिक आधार पर कंडक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। बदले में उन्हें न केवल वेतन दिया गया, बल्कि अनुभव प्रमाण पत्र भी प्रदान किये गये।

फर्जी प्रमाण पत्रों पर सवाल

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सभी उम्मीदवारों ने हड़ताल के दौरान वास्तव में सेवाएं दी थीं। ऐसा दावा किया जाता है कि कुछ ऐसे लोग भी नौकरी पाने में कामयाब हो गए जिन्होंने कभी ड्यूटी नहीं की।

इन लोगों ने कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र हासिल कर नौकरी हासिल की थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने शिकायतों के आधार पर सभी प्रमाण पत्रों का सत्यापन शुरू कर दिया है।

तेज़ सत्यापन प्रक्रिया

हड़ताल के दौरान जारी किए गए प्रमाण पत्रों की वैधता की जांच के लिए सभी रोडवेज डिपो से डाटा मांगा गया है। पता चला है कि कुछ डिपो में हाल ही में नियुक्त कंडक्टरों के प्रमाण पत्रों की जांच तेजी से की जा रही है।