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Haryana Hydrogen Train: हरियाणा में चलेगी देश की पहली हाईड्रोजन ट्रेन, इस रूट पर यात्रियों की हुई मौज

 
Haryana Hydrogen Train

Haryana Hydrogen Train: हरियाणा के लोग अब पारंपरिक ट्रेनों के साथ-साथ जल्द ही हाईड्रोजन ट्रेन का सफर भी कर सकेंगे. यह भारत की पहली हाईड्रोजन से चलने वाली ट्रेन होगी, जो हरियाणा के जींद और सोनीपत रेलवे लाइन पर दौड़ेगी. इस परियोजना को केंद्र सरकार की हरित परिवहन नीति के तहत विशेष प्राथमिकता दी गई है.

जुलाई से शुरू होगी हाईड्रोजन ट्रेन, जींद में बन रहा हाइड्रोजन गैस प्लांट
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक वर्मा ने रविवार को जींद रेलवे स्टेशन और हाइड्रोजन प्लांट का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन गैस प्लांट का निर्माण कार्य जुलाई 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके बाद ट्रेन का प्रारंभिक ट्रायल होगा और फिर इसे सार्वजनिक संचालन के लिए हरी झंडी दी जाएगी.

चेन्नई में बन रही है ट्रेन, सुरक्षा का रखा जा रहा है खास ध्यान
यह हाईड्रोजन ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार हो रही है. निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है और इसमें सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है. ट्रेन के साथ हाइड्रोजन गैस से संबंधित विशेष सुरक्षा उपाय भी अपनाए जा रहे हैं.

हाईड्रोजन ट्रेन की विशेषताएं, सामान्य ट्रेनों से बिल्कुल अलग

  • यह ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम है.
  • इसमें 2,500 से अधिक यात्री एक साथ यात्रा कर सकेंगे.
  • यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल है और इससे कार्बन उत्सर्जन बिल्कुल नहीं होता.

हाईड्रोजन ट्रेन में हाइड्रोजन ईंधन सेल होता है, जो हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के रिएक्शन से बिजली पैदा करता है और इसके उप-उत्पाद के रूप में सिर्फ पानी निकलता है.

भारत की हाईड्रोजन ट्रेन बनेगी दुनिया की सबसे शक्तिशाली

दुनिया में अभी तक केवल 4 देशों में हाईड्रोजन ट्रेनें संचालित हैं. लेकिन भारत की यह ट्रेन उन सभी से आगे होगी क्योंकि इसका इंजन 1,200 हॉर्स पावर की क्षमता से लैस होगा, जो अब तक की सबसे उच्च क्षमता मानी जा रही है. अन्य देशों की ट्रेनों में यह क्षमता 500 से 600 हॉर्स पावर तक सीमित है.

पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम

भारत की यह हाईड्रोजन ट्रेन ग्रीन एनर्जी मिशन और नेट जीरो एमिशन लक्ष्य की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल मानी जा रही है. इससे डीजल पर निर्भरता घटेगी, प्रदूषण कम होगा और देश की रेलवे प्रणाली को एक नई पहचान मिलेगी.