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हरियाणा में पुरुष टीचर का गजब कारनामा, चुनावी ड्यूटी से बचने के लिए खुद को साबित किया गर्भवती महिला, अब होगी जांच

 
Pregnant woman,

 

Times Haryana, चंडीगढ़: जींद के डाहौला के एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के पीजीटी पुरुष शिक्षक ने गर्भवती महिला का बहाना बनाकर अपनी लोकसभा चुनाव ड्यूटी काट दी। खुलासा तब हुआ जब शिक्षक सतीश कुमार कहीं ड्यूटी पर नहीं थे और गर्भवती महिला होने पर सॉफ्टवेयर ने डेटा नहीं उठाया। डाहोला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय द्वारा जिला प्रशासन को भेजे गए कर्मचारी डेटा में पीजीटी हिंदी के पद पर कार्यरत शिक्षक सतीश कुमार को न केवल महिला कर्मचारी बल्कि गर्भवती भी दिखाया गया है।

गौरतलब है कि जिला प्रशासन ने चुनाव कराने के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर क्लास वन अधिकारी समेत अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। पीठासीन अधिकारी, सहायक पीठासीन अधिकारी के अलावा एसएसटी, एफएसटी, वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूइंग टीम, फ्लाइंग स्क्वाड आदि कई टीमों में कर्मचारी ड्यूटी पर हैं। इस बीच, जिला प्रशासन को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चुनाव ड्यूटी से छूट की सिफारिशें प्राप्त होती हैं, लेकिन चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा केवल विशेष परिस्थितियों में ही चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाती है।

लोकसभा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने में छोटे से छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक की अहम भूमिका है। यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए गैरजिम्मेदाराना या गलत रास्ता अपनाता है तो इसे कर्तव्य के प्रति लापरवाही और उपेक्षा माना जाता है। ऐसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाती है। -मोहम्मद इमरान रजा, जिला निर्वाचन अधिकारी, जींद।

मामला जब जिला निर्वाचन पदाधिकारी व डीसी मोहम्मद इमरान रजा के सामने आया तो उन्होंने तत्काल प्रभाव से जांच कमेटी गठित कर दी. मामला चुनाव आयोग और शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी भेजा जाएगा। डीसी ने गुरुवार को मामले में सीधे तौर पर शामिल पीजीटी सतीश कुमार, प्रिंसिपल अनिल कुमार और कंप्यूटर ऑपरेटर मंजीत को अपने कार्यालय में बुलाया और उनसे मामले के बारे में पूछा लेकिन तीनों ने अनभिज्ञता जताई।

डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी भी ऐसा कदम उठा सकते हैं. ये अपने आप में अनोखा और हैरान करने वाला मामला है. मेयर व उप जिला निर्वाचन पदाधिकारी नमिता कुमारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गयी है. पूरे मामले की जांच एक जांच कमेटी से कराई जाएगी. इस मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मामले की रिपोर्ट शिक्षा विभाग और चुनाव आयोग को भेजी जायेगी.