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हरियाणा के अस्पतालों में SC के नए नियम होंगे लागू, नाइट ड्यूटी वाले स्टाफ को और महिलाओं को ये खास सुविधाएं

 
 
हरियाणा

Times Haryana, चंडीगढ़: कोलकाता में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के बाद सुप्रीम कोर्ट की नेशनल टास्क फोर्स की सिफारिशें अब हरियाणा में भी लागू होंगी। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने आदेश जारी कर टास्क फोर्स की रिपोर्ट सभी सिविल सर्जन, आईएमए, आईडीए और निजी अस्पतालों को जारी कर दी है। जनवरी तक आपत्तियां और सुझाव भी मांगे गए हैं।

पुलिस चौकियां भी स्थापित की जा सकती हैं

राज्य में 500 या इससे अधिक बिस्तरों वाले अस्पतालों को सुरक्षा नियंत्रण कक्ष स्थापित करने होंगे। अस्पताल के प्रवेश व निकास द्वार, इमरजेंसी, गलियारा, आईसीयू आदि में सीसीटीवी लगाए जाएंगे। वे बड़े अस्पतालों में पुलिस चौकियां भी स्थापित कर सकते हैं। इसमें उन अस्पताल परिसरों को ठीक करने की भी सिफारिश की गई है जहां मोबाइल नेटवर्क की समस्या है।

अस्पतालों में सुरक्षा उपकरण लगाए जाएंगे

ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों और नर्सों के लिए अलग-अलग विश्राम कक्ष और ड्यूटी रूम बनाए जाएंगे और वहां सुरक्षा उपकरण लगाने होंगे। महत्वपूर्ण और संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए बायोमेट्रिक्स और चेहरे की पहचान करने वाले उपकरणों सहित प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाना चाहिए।

अस्पतालों को स्टाफ सुरक्षा समितियां गठित करनी होंगी। सुरक्षा उपायों का हर तिमाही में ऑडिट किया जाएगा। समिति में डॉक्टर, प्रशिक्षु, रेजीडेंट डॉक्टर और नर्स शामिल होंगे तथा वे परिसर की समीक्षा करेंगे। यदि बदलाव की आवश्यकता होगी तो वह अस्पताल को सूचित करेंगी।

सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे

अस्पतालों को प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों को तैनात करना होगा, जिन्हें आपातकालीन, आईसीयू तथा अस्पताल परिसर के प्रवेश और निकास सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया जाएगा। बड़े अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की एक क्यूआरटी टीम होनी चाहिए। सुरक्षा कार्मिकों के रूप में पूर्व सैनिकों की भर्ती को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

राज्य के अपने सुरक्षा बलों से ऐसे कार्मिकों की भर्ती की संभावना भी तलाशी जा सकती है। सुरक्षाकर्मियों को वार्षिक स्वास्थ्य जांच से गुजरना होगा तथा उन्हें अस्पताल परिसर और वहां की स्थितियों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों को भीड़ और पीड़ित प्रबंधन में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।

कर्मचारियों को मिलेगी परिवहन सुविधा

दिन-रात खुले रहने वाले अस्पतालों को रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध करानी होगी। ऑन-कॉल डॉक्टर-कर्मचारियों को ड्यूटी स्थल तक लाने और ले जाने के लिए परिवहन की भी व्यवस्था की जानी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में एम्बुलेंस और सभी सरकारी वाहनों को जीपीएस से लैस करना होगा। प्रत्येक वाहन की लाइव स्थिति नियंत्रण पैनल में दर्शाई जाएगी।

महिलाओं को मिलेगी शी-बॉक्स पोर्टल तक पहुंच

अस्पतालों को यौन उत्पीड़न संबंधी इलेक्ट्रॉनिक बॉक्स (शी-बॉक्स) उपलब्ध कराना होगा। इसके तहत एक पोर्टल बनाया जाएगा जिसके जरिए कोई भी महिला अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगी। अस्पताल की महिला कर्मचारी या मरीजों के साथ आई महिलाएं भी इसकी शिकायत कर सकती हैं।

ये सुविधाएं मिलेंगी 

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के अस्पतालों में रात्रि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों और नर्सों को जल्द ही परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा, उनकी सुरक्षा पहले से कहीं अधिक कड़ी कर दी जाएगी। परिणामस्वरूप, सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को पुलिस द्वारा अपना चरित्र सत्यापन कराना होगा, जिसमें उनकी मानसिक स्थिति की भी जांच की जाएगी।