हरियाणा के इस शहर से कनेक्ट होगा NH 48; सीएम मनोहर ने दी मंजूरी, तैयार होगा नया रोड
Times Haryana, चंडीगढ़: छह साल के लंबे इंतजार के बाद रेवाड़ी शहर के सेक्टर-4 स्थित कर्नल रामसिंह चौक से दिल्ली-जयपुर हाईवे नंबर 48 तक प्रस्तावित 120 मीटर सड़क को मंजूरी की मुहर लग गई है। 100 करोड़ रुपये की इस महत्वपूर्ण परियोजना के प्रभारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी हैं, इसलिए उनकी मंजूरी जरूरी थी। रेवाड़ी में परियोजना को सीएम ने मंजूरी दे दी है। अब बजट को प्राधिकरण से स्वीकृत कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इसका निर्माण 2021 के मास्टर प्लान के अनुसार होना था लेकिन बाद में डीटीपी विभाग ने 2021 के मास्टर प्लान को बदलकर 2031 कर दिया था और नया ले आउट तैयार किया था। शुरुआत में प्राधिकरण ने गंभीरता नहीं दिखाई। जिसके बाद 5 साल तक एस्टीमेट नहीं भेजा। पिछले जून में प्राधिकरण ने सड़क निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का एस्टीमेट भेजा था।
गढ़ी बोलनी-कोटकासिम रूट पर ट्रैफिक कम किया जाएगा। 120 मीटर की सड़क, जो शहर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग से जोड़ती है, गढ़ी बोलनी रोड की दूसरी निकटतम सड़क होगी, जो केवल लगभग 5.5 किमी दूर होगी। चूंकि, गढ़ी बोलनी सड़क चार लेन की सड़क है और कोटकसिम-भिवाड़ी की ओर जाने वाले यातायात का दबाव भी बहुत अधिक है। अब तक 120 मीटर की इस सड़क के बन जाने से शहर की कनेक्टिविटी मजबूत हो जाएगी।
रेवाड़ी शहर के सभी सेक्टर गढ़ी बोलनी-कोटकासिम रोड पर हैं और शेष सेक्टर भी इसी रूट पर प्रस्तावित हैं। ऐसे में मास्टर प्लान-2021 और 2031 में शहर के नियोजित विकास और तत्पश्चात् अन्य क्षेत्रों की कनेक्टिविटी विकसित करने का प्रावधान किया गया है. प्राधिकरण ने 2012 में इस सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी और 2016 में प्रक्रिया पूरी कर 147 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। जमीन भी प्राधिकरण की है
एस्टीमेट से जुड़ी सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद सीएम की मंजूरी जरूरी थी। एक सप्ताह पूर्व मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई विभागीय बैठक में उन्होंने रेवाड़ी में महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति प्रदान की थी. सीएम ने मुख्यालय में हुई उच्च स्तरीय बैठक में रेवाड़ी की इस महत्वपूर्ण परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है.
120 मीटर की सड़क न केवल शहर के लिए एक बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना है बल्कि एक नई रेवाड़ी के सपने को भी साकार करेगी। इसके पूरा होने के बाद नए सेक्टरों के विकास में भी तेजी आएगी और अन्य बड़ी आवासीय परियोजनाएं सामने आएंगी। एमबीआईआर मास्टर प्लान के तहत, आवासीय क्षेत्रों को विकसित किया जाना है। उनके जल्दी विकास की संभावना भी बढ़ गई है।
बाकी प्रक्रिया अभी चल रही है और हम पहले ही 100 करोड़ रुपये का अनुमान भेज चुके हैं। इस तकनीकी स्वीकृति समेत अन्य प्रक्रियाएं भी पीडब्ल्यूडी ने पूरी कर ली है। अब विभाग को करना होगा बजट आवंटन - अनिल कुमार, कार्यपालन यंत्री, एचएसवीपी, रेवाड़ी