हरियाणा में स्कॉलरशिप घोटाले का पर्दाफाश, CIA टीम ने हरिद्वार में की बड़ी गिरफ्तारी
सूचना के मुताबिक आरोपी कुलदीप शर्मा को ईडी के सहायक निदेशक विशाल दीप और अन्य आरोपी मोनू गुज्जर तथा कार्तिक शर्मा के निर्देशों पर रिश्वत एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
हरियाणा के पंचकूला में स्कॉलरशिप घोटाले के मामले में एक बड़ी गिरफ्तारी हुई है। विशेष रूप से ईडी (ED) के सहायक निदेशक विशाल दीप से जुड़े इस घोटाले में सीआईए (CIA) टीम ने एक प्रमुख आरोपी कुलदीप शर्मा को गिरफ्तार किया है। आरोपी की गिरफ्तारी उत्तराखंड के हरिद्वार जिले से की गई है। यह गिरफ्तारी रिश्वत की लेन-देन के कारण की गई है और इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन ने अब गहन जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में यह घोटाला अब एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया है।
सूत्रों के अनुसार यह घोटाला पंचकूला निवासी विशाल बंसल की शिकायत पर सामने आया। इस शिकायत के आधार पर मामले की जांच की गई और इस दौरान यह पता चला कि आरोपी कुलदीप शर्मा ने स्कॉलरशिप के नाम पर भारी रिश्वत की रकम इकट्ठा करने का काम किया था। आरोपी को रविवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया और वहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में सीआईए-26 की टीम ने महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए हैं जिनकी मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
घोटाले में कुलदीप शर्मा की भूमिका
इन आरोपियों के नाम पहले भी विभिन्न घोटालों में सामने आ चुके हैं और अब यह मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पूरी गंभीरता से जांच शुरू की है। कुलदीप शर्मा जो कार्तिक शर्मा के मामा-भांजे के रिश्ते में हैं ने कई अन्य संदिग्धों के साथ मिलकर स्कॉलरशिप घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कई अन्य संदिग्धों से पूछताछ की है।
इसके अलावा पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घोटाले की गहनता को देखते हुए अन्य संदिग्धों की भी जांच की जा रही है। यह घोटाला शिक्षा के क्षेत्र को लेकर एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है क्योंकि इसमें सरकारी धन की भारी मात्रा का दुरुपयोग हुआ है। स्कॉलरशिप के नाम पर गरीब छात्रों से ठगी की घटनाओं के खुलासे ने सिस्टम पर भी सवाल उठाए हैं। इस घोटाले में शामिल प्रमुख लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
प्रवर्तन निदेशालय की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
यह घोटाला केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है। इसके अलावा इस मामले ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। ईडी पर आरोप लग रहे हैं कि उसने घोटाले की शुरुआत में सही तरीके से जांच नहीं की और इसकी वजह से कई संदिग्धों को समय पर पकड़ नहीं किया जा सका। यह मामला शिक्षा क्षेत्र में होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर करता है, जिसमें शिक्षा को व्यवसाय का रूप दे दिया गया है। इन घोटालों में गरीब छात्रों की मदद करने के बजाय भ्रष्ट अधिकारियों और तंत्र द्वारा उनका शोषण किया जाता है।
हालांकि पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां अब इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं और घोटाले में शामिल अन्य आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही हैं। इसके अलावा यह घोटाला राज्य सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि यह घोटाला सरकार की छवि को प्रभावित कर सकता है।
फिलहाल क्या है स्थिति?
सीआईए-26 की टीम ने आरोपी कुलदीप शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है और जांच की प्रक्रिया तेज कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इस मामले में कई अन्य संदिग्धों की भी पहचान की गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। कुलदीप शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और उसकी आगे की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
इस मामले ने हरियाणा के शिक्षा तंत्र को कटघरे में खड़ा कर दिया है और इस मुद्दे पर कई सामाजिक संगठन और छात्र समुदाय भी आवाज उठा रहे हैं। उन्हें लगता है कि शिक्षा क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि गरीब और मेधावी छात्रों का हक ना मारा जाए।