हरियाणा में ट्यूबवेल कनेक्शन किसानों की बल्ले-बल्ले; बिजली निगम ने दी बड़ी राहत

Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा बिजली वितरण निगम हरियाणा में ट्यूबवेल किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए दक्षिण और उत्तरी हरियाणा में डार्क जोन में स्थितियों और जल स्तर का अध्ययन करेगा। राहत की बात यह है कि जहां 10 हार्सपावर की मोटरें काम नहीं कर रही हैं, वहां सरकार हरियाणा बिजली वितरण निगम के अध्ययन और उसकी रिपोर्ट आने के बाद उसकी सिफारिश पर ऐसे किसानों को कुछ राहत देने की तैयारी कर रही है।
इस संबंध में हरियाणा पावर इश्यूएंस के चेयरमैन एवं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) पीके दास ने दोनों बिजली निगमों के एमडी के साथ मंथन किया है। जिसने बाद में फील्ड टीमों को ऐसे निर्देश जारी किए हैं।
हरियाणा के दक्षिण और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगमों के पास राज्य के भीतर 650,000 से अधिक कनेक्शन हैं। दोनों निगमों के क्षेत्र में जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। परिणामस्वरूप चुनौतियाँ लगातार बड़ी होती जा रही हैं। कुल मिलाकर, निगमों का अध्ययन राहत देने वाला होना चाहिए। जहां सोलर ट्यूबवेल कनेक्शन सफल नहीं हैं, वहां अध्ययन रिपोर्ट आने के बाद अधिक हॉर्सपावर की मोटर लगाने की अनुमति देने की तैयारी है।
हरियाणा बिजली वितरण निगम यूटिलिटी के चेयरमैन पीके दास ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि साउथ और हरियाणा उत्तरी बिजली वितरण निगम में अध्ययन कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी टीम दक्षिण और उत्तरी हरियाणा में जहां भी 10 हॉर्स पावर की मोटरें काम नहीं कर रही है,
ऐसे क्षेत्रों का अध्ययन कर अधिक हॉर्स पावर की मोटरें लगाने के लिए अनुमति का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। यानी नियम और शर्तों में ढील दी जाएगी. साथ ही ऐसे इलाकों में सोलर ट्यूबवेल लगाने पर फीडबैक के बाद इंतजार कर रहे किसानों को राहत दी जा सकती है.
इस बार हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र में जहां नैना चौटाला ने इस मुद्दे को उठाया. इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री की मां ने ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला को रिश्ते के लिए फोन किया था। चौटाला ने यहां तक कहा था, "आपको किसानों की समस्या का समाधान करना चाहिए। मैं आपकी बहू हूं।"
इस पर सदन में सभी लोग हंस पड़े. इसके अलावा हर बार सत्र के दौरान सदन में दक्षिणी और उत्तरी क्षेत्र के कुछ माननीय विधायकों द्वारा किसानों का दर्द उठाया जाता है. कुल मिलाकर साल-दर-साल नियम-शर्तों का हवाला देकर मामले को टाला जाता है।
कुल मिलाकर विधायक नैना चौटाला की मार्मिक अपील का असर दिखने लगा है. किसानों की समस्या सदन में उठने के बाद इस बार हंगामा शुरू हो गया है. किसानों की परेशानियों पर विस्तार से चर्चा सुनने के बाद सीएम कोई नया रास्ता निकालने की तैयारी में हैं.