परी बिश्नोई - जिन्होंने UPSC की परीक्षा में किया अनोखा काम, 24 साल की उम्र में IAS बनकर कायम की मिसाल

IAS Pari Bishnoi जब यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) परीक्षा की बात आती है, तो यह एक अनोखी परीक्षा है जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसे पास करने के लिए भी दिन-रात की मेहनत और आईएस परी बिश्नोई जैसे उदाहरण की जरूरत होती है।
परी बिश्नोई का परिवार
आईएएस परी बिश्नोई की सफलता की कहानी बताती है कि कैसे उन्होंने अपने माता-पिता के साथ एक मजबूत और समर्पित परिवार का समर्थन किया। उनके पिता मनीराम बिश्नोई एक वकील हैं और उनकी मां सुशीला बिश्नोई अजमेर में जीआरपी पुलिस अधिकारी हैं। परी के पिता चार बार अपने गांव के सरपंच रहे, जिससे उन्हें समाज सेवा का महत्व सीखने का मौका मिला। परी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट मैरी कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की और यहीं से उन्होंने मजबूत शिक्षा शुरू की।
सपनों का पीछा करना परी कड़ी मेहनत है
यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत सबसे महत्वपूर्ण है और परी बिश्नोई ने सच्ची मेहनत से यह कर दिखाया। जब परी अपने पहले दो प्रयासों में सफल नहीं हुई, तो उसकी माँ ने उसे प्रोत्साहित किया और कभी हार न मानने की सलाह दी।
यूपीएससी सफलता
परी बिश्नोई ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की और 30वीं रैंक हासिल की. यह हमें सिखाता है कि किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कभी हार न मानना और सपनों का पीछा करना महत्वपूर्ण है।
सोशल मीडिया का महत्व
परी बिश्नोई ने अपनी सफलता का सफर सोशल मीडिया पर भी शेयर किया है. उनका इंस्टाग्राम पेज उनके फॉलोअर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। वह अक्सर अपनी जिंदगी के खूबसूरत पलों और अपनी सफलता के पलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं।
सफलता के लिए समय प्रबंधन
अपनी सफलता की राह पर परी बिश्नोई ने सही रणनीति के साथ नियमित रूप से अध्ययन किया और पिछले वर्ष के पेपर का अध्ययन किया। उन्होंने मॉक टेस्ट भी दिए हैं जो परीक्षा की तैयारी के लिए उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।
निरंतरता ही सफलता की कुंजी है
परी बिश्नोई की कहानी हमें सिखाती है कि सफलता पाने के लिए न केवल कड़ी मेहनत, बल्कि एक मजबूत परिवार का समर्थन भी महत्वपूर्ण है। उनके माता-पिता ने हमेशा उनके सपनों को आगे बढ़ाने के लिए उनका समर्थन और प्रोत्साहन किया।
समर्पण का महत्व
इसके अलावा, परी बिश्नोई की सफलता में उनके समर्पण और आत्मविश्वास का भी बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे।
नौकरी और सामाजिक जीवन
वर्तमान में परी बिश्नोई पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सहायक सचिव के पद पर तैनात हैं। अपनी सफलता के बावजूद उन्होंने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखा है।