भादरा के किसान की मेहनत ने कर दिखाया कमाल, बिना पानी के खेत में उगाए बंपर कश्मीरी रेड एप्पल बेर

राजस्थान के भादरा तहसील के छोटे से गांव जनाना के एक किसान भाई ने ऐसा काम कर दिखाया है जिसे देखकर बड़े-बड़े किसान भी हैरान रह जाएं! बिना नहर बिना ट्यूबवेल सिर्फ पीने के पानी (drinking water) से उन्होंने अपने खेत को हरा-भरा कर दिया और आज उनकी जमीन सोना उगल रही है।
4 साल पहले जब गांव के दूसरे किसान गेहूं और बाजरा उगाने की सोच रहे थे तब इस किसान ने कुछ अलग करने की ठानी। साढ़े 6 बीघा की बंजर जमीन में उन्होंने कश्मीरी रेड एप्पल बेर (Kashmiri Red Apple Ber) थाई एप्पल बेर (Thai Apple Ber) और गोला बेर के 600 पौधे लगा दिए। सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि उनके खेत में नहर या ट्यूबवेल का पानी नहीं था! लेकिन कहते हैं ना - जहां चाह वहां राह!
पीने के पानी से खेती की
किसान ने अपनी ढाणी में 1 इंची नल (चोवा का ऊपरी पानी) लगाया था जिससे पीने का पानी आता था। यही पानी पाइप के जरिए पौधों को दिया गया और दिन-रात मेहनत करके उन्होंने बेर के पौधों को जिंदा रखा। पहले साल ज्यादा कुछ खास नहीं हुआ लेकिन दूसरे साल जबरदस्त फ्रूटिंग (fruiting) हुई।
लेकिन तभी कुदरत ने खेल दिखा दिया! कड़ाके की ठंड और पाले (frost) की मार ने सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। पौधों पर लगे फलों की पैदावार आधी से भी कम हो गई। कोई और होता तो शायद हार मान लेता लेकिन इस किसान ने हार नहीं मानी। उन्होंने डबल मेहनत की और तीसरे साल कमाल हो गया!
तीसरे साल खेत बना सोनाचांदी की खान
जो जमीन तीन साल पहले बंजर पड़ी थी वो अब बंपर फसल (bumper crop) दे रही है। इस बार इतनी जबरदस्त फ्रूटिंग हुई कि पंजाब (Punjab) के व्यापारी खुद उनके खेत तक माल खरीदने आने लगे।
किसान का कहना है कि जब उन्होंने ये खेती शुरू की थी तब गांव के लोग हंसते थे और ताने (taunts) मारते थे लेकिन अब वही लोग सीखने आ रहे हैं! इस साल शुरू में बेर का रेट 40 रुपए किलो से शुरू हुआ और अब 30 रुपए किलो तक बिक रहा है।