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वाराणसी-कोलकाता के बीच बनेगा 600KM लंबा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, ये जिले होंगे मालामाल?

 
Varanasi to Kolkata

अगर आप भी वाराणसी से कोलकाता (Varanasi to Kolkata) की लंबी और थकाऊ यात्रा से परेशान हैं, तो खुश हो जाइए! भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) जल्द ही NH 319B का निर्माण शुरू करने जा रहा है। जी हां, यह वही ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Greenfield Expressway) है, जिसकी चर्चा काफी समय से हो रही थी। इसकी मदद से अब वाराणसी से कोलकाता की दूरी महज 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी।

यह एक्सप्रेसवे बिहार और झारखंड के चार-चार जिलों से होकर गुजरेगा और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से होते हुए कोलकाता पहुंचेगा। यह नया हाईवे NH 19 का शानदार विकल्प होगा, जिससे यात्रा में होने वाली दिक्कतें कम होंगी। तो आइए, इस दमदार परियोजना के बारे में विस्तार से जानते हैं!

क्या है NH 319B और क्यों है खास?

NH 319B दरअसल एक 6-लेन एक्सप्रेसवे (6-lane Expressway) होगा, जो वाराणसी और कोलकाता को स्मूद कनेक्टिविटी (Smooth Connectivity) देने के लिए बनाया जा रहा है। यह 610 KM लंबा होगा और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। यह हाईवे खासतौर पर बिहार और झारखंड के उन हिस्सों से गुजरेगा, जो अब तक तेज़ और सीधी कनेक्टिविटी से वंचित थे।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस एक्सप्रेसवे से कोलकाता और वाराणसी के बीच यात्रा का समय 7 घंटे तक सीमित हो जाएगा। अभी इस सफर में करीब 12 से 14 घंटे लगते हैं, लेकिन NH 319B बनने के बाद लोग चाय की चुस्कियों में ही अपनी मंज़िल पर पहुंच जाएंगे!

किन जिलों को मिलेगा फायदा?

इस नए एक्सप्रेसवे से बिहार और झारखंड के चार-चार जिलों को सीधा फायदा मिलेगा। इन इलाकों में तेज़ गति से कनेक्टिविटी विकसित होगी और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी।

बिहार के ये जिले होंगे फायदे में:

औरंगाबाद
गया
नवादा
जमुई

झारखंड के इन जिलों को होगा लाभ:

कोडरमा
हजारीबाग
गिरिडीह
धनबाद
पश्चिम बंगाल में यह एक्सप्रेसवे पुरुलिया जिले के माध्यम से प्रवेश करेगा और सीधे कोलकाता को कनेक्ट करेगा।

कब तक शुरू होगा निर्माण?

NHAI ने NH 319B को आधिकारिक पहचान दे दी है और अब इसके लिए भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। जैसे ही ज़मीन का मसला सुलझेगा, वैसे ही निर्माण कार्य शुरू (Construction Start) हो जाएगा।

परियोजना से जुड़े एक RCD इंजीनियर का कहना है कि सरकार फास्ट ट्रैक मोड (Fast Track Mode) पर इसे पूरा करने की योजना बना रही है। उम्मीद है कि 2028 तक यह हाईवे बनकर तैयार हो जाएगा और लोगों को धांसू कनेक्टिविटी मिल जाएगी।