मंडियों में नई सरसों और गेहूं की बंपर आवक, सरकारी खरीद से दूर भाग रहे किसान, जानिए वजह

मंडियों में इन दिनों रबी फसल (Rabi Crop) की अच्छी आवक देखी जा रही है। खासतौर पर सरसों और गेहूं की फसल बाजार में पहुंचने लगी है। हालांकि, किसानों की सरकारी खरीद (Procurement) में रुचि कम होती दिख रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मंडियों में गेहूं का भाव सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से अधिक मिल रहा है। मंडियों में गेहूं का भाव 2850 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है, जबकि सरकार 2575 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है। ऐसे में किसानों के लिए खुले बाजार (Open Market) में फसल बेचना अधिक फायदेमंद साबित हो रहा है।
किसानों को मिलेगा बोनस
राजस्थान सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए इस साल गेहूं पर 150 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा की है। इसके बावजूद किसान सरकारी खरीद में ज्यादा रुचि नहीं दिखा रहे हैं, क्योंकि मंडियों में उन्हें ज्यादा दाम मिल रहे हैं। इस साल गेहूं का एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, और बोनस मिलाकर यह 2575 रुपये प्रति क्विंटल हो जाता है। लेकिन मंडियों में जब 2850 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम मिल रहा हो, तो किसान सरकारी खरीद में क्यों जाएं?
सरकार का खरीद लक्ष्य
इस बार राजस्थान सरकार ने 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा है। खरीद प्रक्रिया 318 केंद्रों पर की जा रही है और भारतीय खाद्य निगम (FCI) के मुताबिक, किसानों को 48 घंटे के भीतर भुगतान (Payment) कर दिया जाएगा। सरकार की कोशिश है कि किसान सरकारी केंद्रों पर गेहूं बेचें, लेकिन मंडियों में ऊंचे भाव ने किसानों का रुख बदल दिया है।
सरसों की खरीद पहले क्यों नहीं?
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने सवाल उठाया है कि सरकार को सरसों की खरीद पहले शुरू करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "सरसों की फसल सबसे पहले बाजार में आती है, लेकिन सरकार पहले गेहूं की खरीद शुरू कर रही है। इससे किसानों को नुकसान हो सकता है।" इस बार सरसों की अच्छी पैदावार हुई है, लेकिन सरकारी खरीद देर से शुरू होने के कारण किसानों को निजी व्यापारियों (Private Traders) पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
गेहूं का उत्पादन और मंडी के भाव
राजस्थान में इस साल गेहूं उत्पादन 121.68 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 120.17 लाख टन के मुकाबले थोड़ा अधिक है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि इस बार गेहूं की मांग अधिक होने के कारण बाजार में दाम बढ़ गए हैं। मंडियों में औसतन 2800 से 2850 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। यही कारण है कि किसान सरकारी खरीद से ज्यादा मंडियों में गेहूं बेचने में रुचि दिखा रहे हैं।
कहां-कहां हो रही गेहूं की खरीद?
राजस्थान में हर संभाग में गेहूं की खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं, ताकि किसानों को सुविधा मिल सके।
अजमेर संभाग - 16 केंद्र
भरतपुर संभाग - 26 केंद्र
जयपुर संभाग - 26 केंद्र
कोटा संभाग - 87 केंद्र
उदयपुर संभाग - 27 केंद्र
बीकानेर संभाग - 129 केंद्र
जोधपुर संभाग - 7 केंद्र
अंतिम तारीख 25 जून
राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण (Online Registration) की सुविधा दी गई है। किसान https://food.rajasthan.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 जून रखी गई है। इस पोर्टल पर किसान अपनी फसल की जानकारी देकर पास (Pass) जेनरेट कर सकते हैं, जिससे उन्हें खरीद केंद्रों पर कम समय में फसल बेचने की सुविधा मिलेगी।