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Expressway In UP: यूपी में सफर करना होगा आसान, जल्द मिलेगा ये दूसरा सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे

 
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Times Haryana, लखनऊ: महाकुंभ-2 से पहले उत्तर प्रदेश एक और बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीडीए अधिकारियों को देश के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को साल के अंत तक चालू करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने का निर्देश दिया है।

एक अधिकारी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेसवे की प्रस्तावित लंबाई 594 किमी है, जो मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के बाद यह देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है।

राज्य के चार एक्सप्रेसवे पहले ही भारत के शीर्ष 10 सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में अपनी जगह बना चुके हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन से यूपी के पांच एक्सप्रेस-वे टॉप में शामिल हो जायेंगे

महाकुंभ से पहले एक्सप्रेस-वे शुरू हो जाएगा

हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यदायी संस्था यूपीडा के अधिकारियों के साथ गहन बैठक की और उन्हें हर हाल में साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे का संचालन करने का निर्देश दिया। बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे 2025 में महाकुंभ से पहले लॉन्च किया जाएगा।

12 जिलों के 518 गांव जुड़ेंगे

एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा, जो राज्य को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ेगा। मेरठ से हापुड, बुलन्दशहर, अमरोहा, संभल, बदायूँ, शाहजहाँपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक की दूरी कुछ ही घंटों में तय हो जाएगी।

टॉप स्पीड 120 किमी होगी

गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होगा और प्रयागराज में एनएच-19 पर जूदापुर दादू गांव के पास समाप्त होगा। 7,467 हेक्टेयर भूमि पर बनने वाले एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट की लागत 36,230 करोड़ रुपये है।

अधिकारी के मुताबिक, गंगा एक्सप्रेसवे को शुरुआत में छह लेन और बाद में आठ लेन तक विस्तारित करने का प्रस्ताव है। इसकी डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा होगी।

एक्सप्रेसवे पर विभिन्न स्थानों पर 9 सार्वजनिक सुविधा परिसर विकसित किये जायेंगे। मुख्य टोल प्लाजा दो स्थानों (मेरठ और प्रयागराज) पर प्रस्तावित हैं जबकि रैंप टोल प्लाजा 15 स्थानों पर प्रस्तावित हैं।

एक्सप्रेसवे के निर्माण में इन कंपनियों का हाथ!

गंगा नदी (960 मीटर) और रामगंगा नदी (720 मीटर) पर भी प्रमुख पुल हैं। शाहजहाँपुर में जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किमी लंबा रनवे भी बनाया जाएगा। गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के दौरान चार प्रमुख विभागों से प्राप्त 153 आपत्तियों में से 141 प्राप्त हो चुकी हैं।

इनमें से 48 में से 44 एनएचएआई/पीडब्ल्यूडी से, 7 में से 7 रेलवे से, 88 में से 82 सिंचाई विभाग से और 10 में से 8 ईंधन पाइपलाइन से प्राप्त हुए हैं। गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में मेसर्स आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर और मेसर्स अदानी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।