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किसानों और व्यापारियों की अटकी सांसें, गेहूं के दाम में फिर से आई जोरदार गिरावट, जानिए आगे क्या होगा?

 
Roller Flour Mills

गेहूं की कीमतों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बीते दो दिनों में गेहूं के भावों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली है। व्यापारियों के अनुसार मुनाफा वसूली के चलते बिकवाली तेज हो गई है जिससे कीमतों पर दबाव बना हुआ है। रोलर फ्लोर मिलों (Roller Flour Mills) में स्टॉक की कोई कमी नहीं है लेकिन सरकारी टेंडर के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति सुचारु रूप से जारी है। इस कारण निकट भविष्य में गेहूं की कीमतों में उछाल की संभावना काफी कम हो गई है।

स्टॉक किया गेहूं बेचने का सही समय?

अगर आपने अब तक गेहूं स्टॉक कर रखा है तो इसे बेचने का यही उचित समय है। व्यापारियों की मानें तो आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट देखी जा सकती है। कुछ व्यापारियों का तो यह भी कहना है कि इस महीने के अंत तक गेहूं की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट संभव है।

पिछले 10 दिनों में गेहूं के दाम 350 रुपये प्रति क्विंटल तक कम हो गए हैं जिसके चलते फिलहाल बाजार में 2990-3000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापार हो रहा है। वहीं कई व्यापारी और आटा चक्की (Flour Mill) मालिक सरकारी टेंडर के तहत कम कीमत पर गेहूं खरीदकर बाजार में तेजी आने पर मुनाफा कमा रहे हैं। इस वजह से भी बाजार में मंदी का असर बना हुआ है।

गेहूं से बने उत्पादों की मांग में कमी

उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में आटा मैदा और सूजी की मांग में कमी देखी गई है। राज्य की रोलर फ्लोर मिलें अपनी पूरी क्षमता से चल रही हैं और उन्हें पर्याप्त मात्रा में गेहूं उचित दरों पर उपलब्ध हो रहा है। हाल ही में समाप्त हुए महाकुंभ मेले के कारण बढ़ी हुई खपत अब सामान्य हो गई है जिससे मांग में गिरावट आई है।

दूसरी ओर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा क्षेत्र में नई गेहूं फसल की आवक शुरू हो गई है और अगले दस दिनों में इसका दबाव और बढ़ सकता है। उत्तर भारत में भी अगले महीने नई फसल मंडियों में पहुंच जाएगी जिससे बाजार में सप्लाई बढ़ेगी और कीमतों में और गिरावट की संभावना है।

बड़ी कंपनियां भी अपने स्टॉक को बाजार में बेच रही हैं जिससे भाव और नीचे जा सकते हैं। इसके अलावा मक्के (Maize) की कीमतों में गिरावट ने भी गेहूं की मांग को प्रभावित किया है। इन सभी कारणों से यह तय माना जा रहा है कि फिलहाल गेहूं की कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है।

गेहूं की कीमतों पर आगे क्या असर पड़ेगा?

फिलहाल बाजार में गेहूं की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है। छोटे व्यापारी और चक्की मालिक ऊंची कीमतों पर गेहूं खरीदने से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि महंगे दाम पर आटा मैदा और सूजी बेचना मुश्किल होगा।

इसके अलावा हरियाणा और पंजाब में अगले महीने नई फसल आने से भी कीमतों में गिरावट की संभावना बनी हुई है। सरकार भी कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा सकती है। दिल्ली में पहले गेहूं की कमी देखी गई थी लेकिन अब नई फसल और सरकारी बिक्री नीति के चलते दामों में गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस बार गेहूं का कुल उत्पादन 1160 लाख मीट्रिक टन रहने का अनुमान है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि समय से पहले गर्मी शुरू होने के कारण फसल की पैदावार प्रभावित हो सकती है।

गेहूं का समर्थन मूल्य

वर्तमान में सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस भी दिया जा रहा है जिससे कुल भाव 2600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच रहा है। हालांकि व्यापारियों के अनुसार मंडियों में गेहूं का भाव 2750-2850 रुपये प्रति क्विंटल तक रह सकता है।

इस बार सरकार ने गेहूं के निर्यात पर विशेष ध्यान दिया है और घरेलू मांग को संतुलित रखने के लिए नीतिगत निर्णय भी लिए हैं। लेकिन व्यापारियों को आशंका है कि सरकारी नीति में कोई नया बदलाव आने पर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है।

बाजार में गेहूं की रणनीति कैसे अपनाएं?

अगर आप व्यापारी या किसान हैं तो इस समय सही रणनीति अपनाना बेहद जरूरी है।

मौजूदा स्टॉक बेचने पर विचार करें – यदि आपने ऊंचे दामों पर गेहूं खरीदा है और अब बाजार में मंदी का दौर चल रहा है तो स्टॉक जल्द निकालने में ही समझदारी होगी।

नए स्टॉक की खरीद में सावधानी बरतें – अगले महीने नई फसल आने से पहले यदि कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो भारी मात्रा में खरीदारी करने से पहले बाजार की स्थिति पर नजर रखें।

सरकारी नीतियों पर नजर रखें – सरकार समय-समय पर गेहूं की खरीद निर्यात और स्टॉक सीमा से जुड़ी नई नीतियां लागू कर सकती है। इसलिए इनपर ध्यान देना जरूरी है।

गेहूं के बाजार पर विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल गेहूं की कीमतें नियंत्रण में हैं और आगामी दिनों में गिरावट की संभावना अधिक है। हालांकि कुछ अनिश्चितताएं बनी हुई हैं जैसे मौसम में बदलाव सरकारी हस्तक्षेप और अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति।

बाजार में ट्रेडिंग (Trading) कर रहे लोगों को सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि आने वाले दिनों में कीमतों में और गिरावट हो सकती है। किसानों को भी सलाह दी जा रही है कि वे अपनी उपज को बेचने के लिए सही समय का इंतजार करें।