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Haryana News : हरियाणा में एसीबी टीम की बड़ी कार्रवाई, 8000 रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया हवलदार

 
Anti Corruption Bureau

Haryana News : रिश्वत (Bribe) देना और लेना हमारे सिस्टम की सबसे बड़ी बीमारी बन चुकी है। चाहे सरकारी दफ्तर हो या फिर ट्रैफिक पुलिस की चेकपोस्ट आम आदमी को हर जगह जेब ढीली करनी पड़ती है। खासकर जब कोई नया वाहन लेकर रोड पर उतरता है तो वर्दी में बैठे कुछ लालची अफसर उसे सोने की मुर्गी समझ लेते हैं। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है फरीदाबाद (Faridabad) से जहां ट्रैफिक पुलिस का एक हवलदार रिश्वत लेते रंगे हाथों ACB (Anti Corruption Bureau) के हत्थे चढ़ गया।

फरीदाबाद ACB की बड़ी कार्रवाई

दिनांक 7 अप्रैल 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) फरीदाबाद की टीम ने शानदार कार्रवाई करते हुए एक ट्रैफिक पुलिस के हवलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। आरोपी का नाम हवलदार रणबीर थाना यातायात पुलिस फरीदाबाद है। यह गिरफ्तारी एलसन चौक बल्लभगढ़ (Elsan Chowk Ballabgarh) से की गई जब वह एक स्थानीय वाहन चालक से ₹8000 कैश में रिश्वत (Cash Bribe) ले रहा था।

ACB ने आरोपी के खिलाफ अभियोग संख्या 9 दिनांक 7.4.2025 धारा 7 पीसी एक्ट (Prevention of Corruption Act) के तहत मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

शिकायतकर्ता की आपबीती

शिकायतकर्ता ने ACB को दी गई शिकायत में बताया कि वह पानी की सप्लाई का काम करता है और रोज अपनी गाड़ी लेकर एलसन चौक से गुजरता है। हवलदार रणबीर पहले भी उससे ₹200-₹300 वसूलता था यह कहकर कि "खर्चा-पानी चाहिए भाई।" पहले तो शिकायतकर्ता यह सोचकर चुप रहा कि चलो काम चल रहा है लेकिन बात तब हद से पार हो गई जब उसने टाटा कंपनी की नई गाड़ी खरीदी।

नई गाड़ी को देखते ही हवलदार रणबीर की आंखों में जैसे चमक आ गई। अब उसने ₹200 की बजाय सीधा ₹8000 की मांग रख दी। धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो गाड़ी इम्पाउंड (Impound) कर दी जाएगी और चालान बना दिया जाएगा। डर के मारे परेशान शिकायतकर्ता ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और ACB को पूरी जानकारी दी।

प्लानिंग के साथ बिछाया गया जाल

ACB फरीदाबाद की टीम ने तुरंत एक्शन लिया और एक ट्रैप टीम बनाई। शिकायतकर्ता को ₹8000 नकद देकर हवलदार रणबीर से डील फिक्स करवाई गई। जैसे ही रणबीर ने पैसे लिए वैसे ही ACB की टीम ने उसे रंगे हाथों (Red-Handed) पकड़ लिया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान दो स्वतंत्र गवाह मौजूद थे और पूरा ऑपरेशन पारदर्शी तरीके से अंजाम दिया गया।