Haryana Smart City : हरियाणा के ये शहर बनेंगे स्मार्ट सिटी, जनता को मिलेगी ये हाईटेक सुविधाएं

Haryana Smart City : हरियाणा में बीते कुछ सालों में शहरीकरण (Urbanization) की रफ्तार काफी तेज हो गई है। गांवों से शहरों की तरफ पलायन इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट और बेहतर सुविधाओं की चाह ने यहां के कई कस्बों को मिनी-मेट्रो बना दिया है। खासकर गुड़गांव (Gurugram) फरीदाबाद (Faridabad) रोहतक (Rohtak) करनाल (Karnal) जैसे शहर अब बड़े कमर्शियल हब बनते जा रहे हैं। लेकिन इस विकास की रफ्तार के साथ-साथ कई समस्याएं भी खड़ी हो गई हैं जैसे अवैध कॉलोनियों (Illegal Colonies) ट्रैफिक जाम पानी-बिजली की किल्लत और बेतरतीब कंस्ट्रक्शन।
अब हरियाणा सरकार ने इस बेतरतीब शहरीकरण को व्यवस्थित और रिसर्च-बेस्ड (Research-based) बनाने के लिए एक नया और बड़ा कदम उठाया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट (Town and Country Planning Department) ने राज्य में ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ (Center for Excellence) की स्थापना करने का फैसला लिया है। इसका मकसद शहरी विकास को स्मार्ट और सस्टेनेबल बनाना है।
रिसर्च से होगा अब शहरी प्लानिंग
यह सेंटर खासतौर पर हरियाणा के शहरी विकास से जुड़ी रिसर्च प्लानिंग और मॉनिटरिंग का काम करेगा। इसका संचालन एक प्राइवेट एजेंसी करेगी जिसमें एक्सपर्ट्स प्लानर्स और टेक्निकल स्टाफ शामिल होंगे। इस सेंटर की अपनी खास बिल्डिंग बनेगी जिसमें रिसर्च प्लानिंग और ट्रेनिंग का काम होगा। इसके लिए कुल ₹525 करोड़ का बजट तय किया गया है।
जीआईएस मैपिंग से मिलेगा सही डेटा
शहरों की प्लानिंग सही तरीके से हो इसके लिए सेंटर जीआईएस (GIS Mapping) तकनीक का इस्तेमाल करेगा। इसके जरिए हर एरिया की डिटेल्ड मैपिंग की जाएगी जिसमें जनसंख्या घनत्व पानी-बिजली-सड़क जैसी सुविधाएं और पॉल्यूशन लेवल का भी आंकलन किया जाएगा।
किस एरिया में ज्यादा लोग बस रहे हैं?
किन इलाकों में सुविधाओं की कमी है?
कहां पर अवैध कॉलोनियां बन रही हैं?
इन सब सवालों का जवाब अब डेटा के जरिए मिलेगा जिससे भविष्य की प्लानिंग में आसानी होगी।
अवैध कॉलोनियों पर लगेगी लगाम
हरियाणा में अवैध कॉलोनियों की भरमार होती जा रही है। खासतौर पर छोटे शहरों में प्राइवेट कॉलोनाइजर बिना किसी प्लानिंग के प्लॉट काटकर बेच रहे हैं। इससे ना सिर्फ मूलभूत सुविधाओं पर दबाव पड़ रहा है बल्कि पर्यावरण और लोगों की लाइफ क्वालिटी भी प्रभावित हो रही है।
अब सेंटर फॉर एक्सीलेंस की रिपोर्ट के आधार पर इन कॉलोनियों पर कंट्रोल किया जाएगा। सरकार ऐसे इलाकों में योजना आधारित विकास (Planned Development) को प्रमोट करेगी और बिजली पानी सफाई जैसी सेवाओं को बेहतर बनाएगी।
2041 तक का रखा गया टारगेट
सरकार का मानना है कि 2041 तक हरियाणा के प्रमुख शहरों की आबादी में जबरदस्त उछाल आएगा। गुड़गांव की जनसंख्या 40 लाख तक पहुंच सकती है जबकि फरीदाबाद में 30 लाख से ज्यादा लोग बस सकते हैं।
ऐसे में जरूरत है कि बड़े शहरों के दबाव को कम करने के लिए छोटे और मीडियम टाउन को भी डेवलप किया जाए। सेंटर फॉर एक्सीलेंस इस दिशा में रोडमैप तैयार करेगा जिससे राज्य में संतुलित विकास हो सके।
सस्टेनेबल और ग्रीन डेवलपमेंट पर ज़ोर
अब विकास सिर्फ कंक्रीट की इमारतों तक सीमित नहीं रहेगा। सेंटर यह सुनिश्चित करेगा कि हरियाणा के शहरों में पर्यावरण के अनुकूल (Eco-friendly) और सस्टेनेबल डेवलपमेंट हो।
हर शहर में ग्रीन एरिया ओपन स्पेस रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सोलर एनर्जी जैसी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा वॉटर मैनेजमेंट और वेस्ट डिस्पोजल को भी योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
नगर निकायों की भूमिका होगी सशक्त
शहरों की प्लानिंग और विकास में नगर निकायों (Municipal Bodies) की बड़ी भूमिका होती है। लेकिन कई बार बजट की कमी स्टाफ की कमी या अनुभव की कमी की वजह से वो अपना काम ढंग से नहीं कर पाते।
अब सेंटर फॉर एक्सीलेंस उनके लिए पॉलिसी ट्रेनिंग और गाइडलाइन तैयार करेगा। इससे नगर निकायों की कार्यप्रणाली सुधरेगी और वे लोगों की जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर पाएंगे।