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हरियाणा में बारिश और भारी ओलावृष्टि से हाहाकार, मौसम विभाग ने जारी किया रेड अलर्ट

 
Heavy hailstorm

हरियाणा में शुक्रवार की शाम मौसम ने ऐसा रंग बदला कि लोग छाते लेकर भीगने से नहीं बच पाए। कुछ जिलों में बारिश हुई तो कुछ जगहों पर ओले ऐसे गिरे मानो आसमान से बर्फी के टुकड़े गिर रहे हों। हिसार, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, भिवानी, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़, पलवल और नूंह में जोरदार बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि (Hailstorm) हुई। वहीं, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम और झज्जर में बादल ऐसे बरसे जैसे उनके पास स्टॉक बचाने का कोई इरादा ही नहीं था!

मौसम विभाग का रेड अलर्ट

अब अगर आप सोच रहे हैं कि ये सिर्फ एक दिन की बात थी तो जनाब, मौसम विभाग ने भी बड़ा ऐलान कर दिया है। हरियाणा के 12 जिलों में रेड अलर्ट (Red Alert) जारी कर दिया गया है, जिसमें यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, हिसार, करनाल, सोनीपत, जींद, पानीपत और पंचकूला शामिल हैं। मतलब अगर आप इन जिलों में हैं तो छाते और रेनकोट (Raincoat) को दोस्त बना लीजिए क्योंकि बादल अब कोई रहम करने के मूड में नहीं हैं।

सड़कें बनीं स्विमिंग पूल

हरियाणा में जबरदस्त बारिश से कई जगहों पर पानी भर गया जिससे सड़कें किसी छोटे तालाब का नजारा पेश कर रही थीं। उधर हिमाचल प्रदेश में भी बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे (Kullu-Manali Highway) रायसन के पास लैंडस्लाइड (Landslide) की वजह से बंद हो गया। यानी जो लोग दिल्ली से मनाली घूमने का प्लान बना रहे थे उनके अरमानों पर बारिश ने पानी फेर दिया।

बादल फटने से आफत

कांगड़ा के मुल्थान क्षेत्र में बादल फटने (Cloudburst) की घटना हुई जिसने वहां के लोगों की नींद उड़ा दी। इस हादसे में 9 गाड़ियां तबाह हो गईं और 12 मकानों को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। हिमाचल में वैसे तो पहाड़ों की खूबसूरती देखने के लिए टूरिस्ट जाते हैं लेकिन इस बार वहां बर्फ और हरियाली की बजाय तबाही देखने को मिली।

किसानों की चिंता बढ़ी

हरियाणा और आसपास के इलाकों में हुई जोरदार बारिश के बाद तापमान (Temperature) में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, जहां एक तरफ आम लोग इस ठंडक का मजा ले रहे हैं वहीं किसानों की टेंशन (Tension) बढ़ गई है। खेतों में खड़ी फसलें बारिश और ओलावृष्टि से खराब होने की कगार पर हैं। गेहूं और सरसों की फसल को खासा नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।