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हरियाणा में इनेलो विधायकों ने सदन में सरकार को घेरा, कबूतरबाजी और तालाबों की दुर्दशा पर उठाए सवाल

 
Budget Session

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र (Budget Session) के चौथे दिन इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) विधायकों ने अवैध तरीके से हो रही कबूतरबाजी और गांवों के तालाबों में दूषित पानी (Polluted Water) की समस्या को लेकर सदन में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (Attention Motion) पेश किया। इनेलो विधायक दल के नेता अदित्य देवीलाल ने सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि गांवों के तालाबों में गंदा पानी छोड़ा जा रहा है और अमृत सरोवर योजना (Amrit Sarovar Yojana) के तहत अरबों रुपये खर्च करने के बावजूद तालाबों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार?

अदित्य देवीलाल ने कहा कि अमृत सरोवर योजना के तहत 2200 तालाबों के सौंदर्यीकरण पर 580 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि तालाब आज भी दूषित हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर किए गए खर्च का हिसाब कौन देगा? क्या इस योजना में हुए भ्रष्टाचार (Corruption) की जांच की जाएगी? उन्होंने सप्लीमेंट्री प्रश्न (Supplementary Question) पूछते हुए सरकार से यह भी जानना चाहा कि तालाब प्राधिकरण (Pond Authority) ने ग्राउंड वॉटर रिचार्ज (Ground Water Recharge) और पीने के पानी की स्वच्छता को लेकर क्या कदम उठाए हैं?

उन्होंने यह भी सवाल किया कि तालाबों की क्षमता (Capacity) बढ़ाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? सरकार यह स्पष्ट करे कि जिन ठेकेदारों ने इस योजना में भ्रष्टाचार किया, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? कितने ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया और कितनी अनियमितताओं की रिपोर्ट (Report) दर्ज की गई?

कबूतरबाजी से बेरोजगार युवाओं का शोषण

इनेलो विधायक अर्जुन चौटाला ने अवैध तरीके से विदेश भेजे जाने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कबूतरबाजी (Human Trafficking) का खेल जोरों पर है, जहां एजेंट भोले-भाले बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये ऐंठकर उन्हें गैरकानूनी तरीके से अमेरिका और अन्य देशों में भेज रहे हैं। हाल ही में अमेरिका से अवैध रूप से गए कई युवाओं को हथकड़ियां लगाकर डिपोर्ट (Deport) किया गया, जिससे उनकी बेइज्जती हुई।

उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अब तक कितने ऐसे एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई हुई है? जिन युवाओं को वापस भेजा गया है, उनके पुनर्वास (Resettlement) के लिए क्या योजना बनाई गई है? पेहवा के नंद कॉलोनी के एक युवक का मामला उठाते हुए उन्होंने बताया कि उसकी लाश डेढ़ साल बाद बर्फ में दबी मिली। डीएनए टेस्ट (DNA Test) के बाद जब शव परिवार को सौंपा गया, तब पता चला कि उस युवक को मानव तस्करों (Human Traffickers) ने बेचा था और बाद में उसे गुलाम बनाकर मजदूरी करवाई गई, फिर उसकी हत्या कर दी गई।

ओवरसीज प्लेसमेंट सेल पर सवाल

अर्जुन चौटाला ने सरकार से पूछा कि 2022 में ओवरसीज प्लेसमेंट सेल (Overseas Placement Cell) बनाया गया था, लेकिन अब तक इस सेल ने कितने युवाओं को विदेशों में रोजगार दिलाने में मदद की? क्या सरकार के पास कोई ठोस डेटा (Data) है, या यह योजना भी सिर्फ कागजों पर ही सीमित रह गई?

राज्यपाल अभिभाषण पर बीजेपी सरकार को घेरा

राज्यपाल अभिभाषण (Governor’s Address) पर बोलते हुए अर्जुन चौटाला ने कहा कि सरकार ने सदन में सिर्फ झूठे आंकड़े रखे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह दावा करती है कि हरियाणा एकमात्र राज्य है जो 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि कई ऐसी फसलें शामिल हैं, जो हरियाणा में उगाई ही नहीं जातीं, फिर उन्हें कैसे खरीदा गया?

उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि एमएसपी पर फसल खरीदना कोई एहसान नहीं, बल्कि यह किसानों का हक (Right) है। सरकार अगर किसानों की सच्ची हितैषी होती, तो उन्हें एमएसपी के अलावा बोनस (Bonus) भी देती।

फसल बीमा योजना और कृषि बजट पर सवाल

सरकार दावा करती है कि किसानों को फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) का लाभ मिल रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि भिवानी और दादरी के किसानों को 281 करोड़ रुपये के क्लेम (Claim) का भुगतान नहीं हुआ। सरकार की स्टेट टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी (State Technical Advisory Committee) ने 200 करोड़ रुपये की क्लेम राशि रद्द कर दी, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ।

इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में बागवानी (Horticulture) बजट में 350 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गई, जिससे बागवानी उत्पादन 14 लाख मीट्रिक टन से घटकर 7 लाख मीट्रिक टन रह गया। प्रॉन (Prawn) खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने रिसर्च प्रोजेक्ट (Research Project) को गलत जगह लोहारू में स्थापित कर दिया, जबकि सिरसा में इसके लिए बेहतर अवसर थे।

गुरुग्राम के विकास पर श्रेय लेने की राजनीति

सरकार ने गुरुग्राम (Gurugram) के विकास पर दावा किया कि उसने शहर को देश का अग्रणी आईटी हब (IT Hub) बनाया, लेकिन अर्जुन चौटाला ने इसे झूठ करार दिया। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के असली आर्किटेक्ट (Architect) चौधरी ओमप्रकाश चौटाला थे, जिनके विजन (Vision) के कारण ही आज यह शहर अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों का केंद्र बना हुआ है। बीजेपी सरकार ने केवल गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया है।