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MP में बनने जा रहा है देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट, 25000 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू

 
Logistics Hub

भारत को जल्द ही अपना सबसे बड़ा हवाई अड्डा मिलने वाला है और यह किसी और राज्य में नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में बनेगा। सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 25000 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगर सब कुछ योजना के अनुरूप रहा तो यह हवाई अड्डा न केवल देश का सबसे बड़ा होगा बल्कि लॉजिस्टिक्स हब (Logistics Hub) के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

यहां बन सकता है नया एयरपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस मेगा प्रोजेक्ट (Mega Project) के लिए इंदौर और भोपाल के बीच स्थित भूमि को प्राथमिकता दे रही है। देवास-सोनकच्छ और छपारा के बीच के इलाकों को इस विशाल हवाई अड्डे के लिए उपयुक्त माना जा रहा है।

यह नया एविएशन हब (Aviation Hub) भोपाल-इंदौर हाईवे, भोपाल-जयपुर रोड, शाजापुर-देवास रोड और नरसिंहगढ़ मार्ग से जुड़ेगा, जिससे देश के अन्य हिस्सों से इसकी कनेक्टिविटी आसान होगी।

औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

मध्य प्रदेश सरकार की इस परियोजना के पीछे मुख्य उद्देश्य औद्योगिक विकास (Industrial Growth) को गति देना है। राज्य का लगभग 40% इंडस्ट्रियल बेस (Industrial Base) इंदौर, देवास और पीथमपुर में स्थित है। इस नए हवाई अड्डे के माध्यम से इन क्षेत्रों में न केवल एयर कनेक्टिविटी (Air Connectivity) मजबूत होगी, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (Infrastructure Development) को भी नई दिशा मिलेगी।

परियोजना को लेकर सरकार की तैयारी

मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (MPIDC) ने सरकार को इस परियोजना का विस्तृत प्रस्ताव सौंप दिया है। इसके तहत राज्य सरकार, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) और केंद्र सरकार मिलकर इस मेगा प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने की दिशा में काम कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री द्वारा भी इस परियोजना को प्रारंभिक स्वीकृति (Initial Approval) मिल चुकी है। अब AAI की टेक्निकल टीम (AAI’s Technical Team) इस क्षेत्र की गहराई से जांच कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह जगह हवाई अड्डे के निर्माण के लिए उपयुक्त है या नहीं।

कई मानकों पर होगी जमीन की जांच

इस परियोजना के लिए चयनित भूमि का सघन परीक्षण (Detailed Survey) किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अध्ययन कर रही है, जैसे कि:

भौगोलिक स्थिति (Geographical Feasibility) – क्या यह क्षेत्र हवाई अड्डे के लिए उपयुक्त है?
मौसम संबंधी परिस्थितियाँ (Weather Conditions) – पूरे वर्ष के वायुमंडलीय बदलावों (Atmospheric Variations) का अध्ययन किया जाएगा।
हवाई यातायात की संभावना (Aviation Traffic Feasibility) – क्या यहां से हवाई यातायात का संचालन सुचारू रूप से हो सकेगा?
भविष्य की संभावनाएं (Future Expansion Possibilities) – भविष्य में विस्तार के लिए इस भूमि में कितनी संभावना है?

मौसम रहेगा निर्णायक कारक

चूंकि इंदौर, देवास और सोनकच्छ क्षेत्र में मौसम में निरंतर बदलाव होते हैं, इसलिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) इस पर विशेष नजर रख रहा है। मॉनसून (Monsoon) के प्रभाव, तूफानों (Storms) की संभावना और कोहरे (Fog) की स्थिति को ध्यान में रखकर परियोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

अलग टीम कर रही निगरानी

इस विशाल हवाई अड्डे के लिए MPIDC की अलग टीम दिन-रात काम कर रही है। यह एयरपोर्ट सिर्फ पैसेंजर फ्लाइट्स (Passenger Flights) के लिए ही नहीं, बल्कि कार्गो सर्विस (Cargo Services) और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशंस (Logistics Operations) को भी ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।

निवेशकों के लिए बड़े अवसर

सरकार का मानना है कि यह नया एयरपोर्ट सिर्फ एक ट्रांसपोर्टेशन हब (Transportation Hub) नहीं, बल्कि एक व्यापारिक केंद्र (Business Hub) भी बनेगा। इससे न केवल निवेश (Investment) के नए अवसर पैदा होंगे, बल्कि रोजगार (Employment Generation) भी बढ़ेगा।

मध्य प्रदेश के औद्योगिक निवेश एवं नीति प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव और प्रमुख सचिव संजय शुक्ला इस प्रोजेक्ट पर खास नजर बनाए हुए हैं। वे लगातार एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के चेयरमैन संजीव कुमार के साथ चर्चा कर रहे हैं, ताकि इस परियोजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जा सके।