पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया बड़ा झटका, इन भर्ती परीक्षाओं का रिजल्ट दोबारा होगा जारी

हरियाणा में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) द्वारा आयोजित JE, Clerk, Constable (पुरुष एवं महिला) और CET Group 56/57 की भर्ती परीक्षाओं के रिजल्ट को संशोधित (Revise) करने का आदेश दिया है। यह फैसला उन अभ्यर्थियों के पक्ष में आया है जिनकी उम्मीदवारी सिर्फ पुराना OBC सर्टिफिकेट होने की वजह से रद्द कर दी गई थी।
मतलब ये कि जो युवा पहले हताश होकर बैठे थे, उनके लिए अब एक नई उम्मीद जगी है। कोर्ट ने सरकार और आयोग की खिंचाई करते हुए Fair Play करने की बात कही है। अब सरकार और आयोग को मजबूरन रिजल्ट में बदलाव करने होंगे।
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में रखी मजबूती से बात
इस मामले में गुरदीप सिंह और अन्य याचिकाकर्ताओं ने एडवोकेट सार्थक गुप्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में बताया गया कि HSSC के भर्ती विज्ञापन (Advertisement) में यह नियम बना दिया गया था कि 1 अप्रैल 2023 से पहले का OBC प्रमाणपत्र वैध नहीं होगा। इससे हजारों युवाओं के फॉर्म रिजेक्ट (Reject) कर दिए गए।
अब सोचिए, जिन लोगों ने मेहनत की, दिन-रात पढ़ाई की, वो सिर्फ एक पुराने कागज की वजह से बाहर कर दिए गए। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि हरियाणा सरकार के पास परिवार पहचान पत्र (Family ID) का पूरा डेटा मौजूद है।
इससे आसानी से जाति की पुष्टि की जा सकती थी, लेकिन सरकार और आयोग ने इस डेटा को इग्नोर कर दिया और सीधा रिजेक्ट करने में लग गए। कोर्ट को ये तर्क बिल्कुल भी हजम नहीं हुआ और सरकार को जमकर फटकार लगा दी।
कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद स्पष्ट रूप से कहा कि जिन अभ्यर्थियों की उम्मीदवारी सिर्फ पुराने OBC प्रमाणपत्र के आधार पर रद्द की गई थी, उनकी जाति की पुष्टि परिवार पहचान पत्र (Family ID) से की जाए। इसके बाद आयोग को संशोधित रिजल्ट (Revised Result) जारी करने का निर्देश दिया गया है।
इस फैसले के बाद उन युवाओं में खुशी की लहर दौड़ गई जो केवल कागजों की कमी की वजह से बाहर कर दिए गए थे। अब उन्हें फिर से मौका मिलेगा और सरकारी नौकरी (Government Job) के सपने को साकार करने का चांस मिलेगा।
सरकार और आयोग पर उठे सवाल
अब सवाल ये उठता है कि जब सरकार के पास डेटा पहले से मौजूद था, तो फिर अभ्यर्थियों को Reject करने की इतनी जल्दी क्या थी?
क्या HSSC को इस गलती का अहसास पहले नहीं था?
क्या अभ्यर्थियों को परेशान करना ही मकसद था?
क्या कोई Transparency नहीं थी?
सरकार और आयोग को इस लापरवाही का जवाब देना होगा। कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर आयोग को लताड़ लगाई और कहा कि "कोई भी योग्य उम्मीदवार सिर्फ एक कागज की वजह से बाहर नहीं होना चाहिए।"
अब आयोग को जल्द ही नया रिजल्ट जारी करना होगा, नहीं तो ये मामला और तूल पकड़ सकता है।
अभ्यर्थियों के लिए क्या फायदा?
इस फैसले के बाद उन अभ्यर्थियों को बड़ा फायदा हुआ है जो पहले रिजेक्ट हो चुके थे। अब उन्हें दोबारा रिजल्ट में शामिल किया जाएगा और अगर वह कटऑफ में आते हैं तो उनका Selection पक्का हो सकता है।
यानी कि जिनका सपना चकनाचूर होने वाला था, अब उनके लिए नई उम्मीद की किरण आ गई है। खासकर OBC कैटेगरी के उन अभ्यर्थियों के लिए यह राहत भरी खबर है।