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हरियाणा में आज से मौसम का बदलेगा मिजाज, बारिश से मिलेगी राहत लेकिन गर्मी फिर सताएगी

 
IMD

हरियाणा में मार्च की शुरुआत के साथ ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे, लेकिन अब मौसम (weather) करवट लेने की तैयारी में है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की ताजा भविष्यवाणी के अनुसार प्रदेश में 12 मार्च से 14 मार्च के बीच हल्की से मध्यम बारिश (rain) होने की संभावना है। इस बदलाव के पीछे पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) की भूमिका होगी, जिसके प्रभाव से आज सुबह से ही बादलों की आवाजाही बढ़ सकती है। 

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान अधिकतम तापमान (maximum temperature) में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट हो सकती है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि यह राहत ज्यादा दिन तक टिकेगी नहीं क्योंकि बारिश के बाद फिर से तापमान में बढ़ोतरी की संभावना बनी हुई है।

महेंद्रगढ़ सबसे गर्म

हरियाणा में बीते कुछ दिनों में तापमान ने उछाल मारा है। प्रदेश के 9 जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। महेंद्रगढ़ (Mahendragarh) में तो पारा 33.7 डिग्री तक पहुंच गया, जो इस सीजन का अब तक का सबसे ऊंचा तापमान है। राजस्थान (Rajasthan) से सटे जिलों में गर्मी का असर और भी ज्यादा देखने को मिल रहा है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि मार्च में ही ऐसी गर्मी पड़ना चिंता का विषय है। किसानों के लिए यह एक मुश्किल समय हो सकता है, क्योंकि इस तरह की असमय गर्मी फसलों पर असर डाल सकती है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि बारिश के बाद तापमान में गिरावट जरूर होगी, लेकिन यह राहत अस्थायी होगी।

तेज हवाओं और बारिश का पूर्वानुमान

हरियाणा चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय (CCSHAU) के कृषि मौसम विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि 11 और 12 मार्च को प्रदेश में मध्यम से तेज गति की हवाएं (winds) चल सकती हैं। इन हवाओं के साथ कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी देखने को मिल सकती है। 

13 मार्च तक पश्चिमी विक्षोभ का हल्का असर रहेगा, जिससे आसमान में बादल छाए रह सकते हैं और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इसके बाद 14 मार्च से एक और नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश की संभावना बढ़ जाएगी।

डॉ. खीचड़ ने किसानों को सलाह दी है कि वे इस बदलते मौसम (climate change) को ध्यान में रखते हुए अपनी फसलों की सुरक्षा का पूरा प्रबंध करें। 

सरसों (mustard) और गेहूं (wheat) की कटाई का समय नजदीक आ रहा है, ऐसे में बारिश का पानी फसल को नुकसान पहुंचा सकता है। किसानों को चाहिए कि वे मौसम के पूर्वानुमान पर नजर बनाए रखें और अनावश्यक सिंचाई से बचें।

गर्मी और बारिश का मिला-जुला असर

मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बारिश और हवाएं जहां कुछ समय के लिए राहत देंगी, वहीं इसके बाद तापमान फिर से चढ़ने लगेगा। 

हरियाणा में मार्च के मध्य तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा। दिन में तेज धूप और रात में हल्की ठंड का अनुभव हो सकता है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे गर्मी और बारिश दोनों के लिए तैयार रहें।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मार्च में ही तापमान सामान्य से अधिक देखने को मिल रहा है, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले महीनों में गर्मी और अधिक तीव्र हो सकती है। 

ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को इस मौसम में खास सावधानी बरतने की जरूरत होगी, क्योंकि अधिक गर्मी से जल संकट (water crisis) की समस्या भी गहरा सकती है।